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राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में अब नशे का सामान भी मिल रहा है: सुधांशु त्रिवेदी

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नई दिल्ली। दिल्ली में ड्रग्स की खेप से कांग्रेस का कनेक्शन जुड़ने के बाद बीजेपी उसपर हमलावर है। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान में अभी तक नफरत का सामान तो दिख रहा था, लेकिन अब नशे का सामान भी मिल रहा है।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी करते हुए 560 किलोग्राम से अधिक कोकीन और 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक मारिजुआना जब्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 5600 करोड़ रुपये है। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों की पहचान दिल्ली निवासी तुषार गोयल (40), हिमांशु कुमार (27) और औरंगजेब सिद्दीकी (23) तथा मुंबई निवासी भरत कुमार जैन (48) के रूप में हुई है। मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी तुषार गोयल बताया जा रहा है, जो कथित तौर पर कांग्रेस में रह चुका है। दावा है कि मुख्य आरोपी तुषार 2022 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का RTI सेल का चेयरमैन रहा। इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स की बरामदगी के मामले में मुख्य आरोपी तुषार गोयल को इंडियन यूथ कांग्रेस के आरटीआई सेल का चीफ बताते हुए कांग्रेस और हुड्डा परिवार से जवाब मांगा है। सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद हुई है। इस मामले का मुख्य आरोपी और किंगपिन तुषार गोयल, इंडियन यूथ कांग्रेस के आरटीआई सेल का चीफ है। उन्होंने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में अभी तक नफरत के सामान तो दिख रहे थे, लेकिन अब नशे का सामान भी मिलने लगा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने तुषार गोयल के अपॉइंटमेंट लेटर को दिखाते हुए दावा किया कि इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भी जिक्र है।

इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ तुषार गोयल की तस्वीरों को मीडिया को दिखाते हुए यह दावा भी किया कि जांच एजेंसियों को तुषार गोयल के मोबाइल में दीपेंद्र हुड्डा का नंबर भी मिला है। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस से तीन सवाल पूछते हुए कहा कि देश को और हरियाणा की जनता को यह जानने का हक है कि कांग्रेस का ड्रग्स के इस मामले से क्या संबंध है। कांग्रेस पदाधिकारी के ड्रग्स तस्करी में शामिल होने से यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या इससे पहले भी इस तरह से पैसे आ चुके हैं? क्या इसके पैसे का इस्तेमाल हरियाणा के चुनाव में तो नहीं हो रहा था? ड्रग्स माफिया को कांग्रेस का पदाधिकारी बनाना, किसी समझौते का हिस्सा तो नहीं है कि अगर उनकी सरकार हरियाणा में सत्ता में आई तो पंजाब की तरह हरियाणा में भी ड्रग्स माफिया को खुली छूट दे दी जाएगी।

कांग्रेस, हरियाणा के सबसे बड़े नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और युवा नेता दीपेंद्र हुड्डा को इसका जवाब देना चाहिए। कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि तुषार गोयल के साथ उसका सिर्फ राजनीतिक संबंध है या फिर व्यावसायिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि देश में भ्रम पैदा करने के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय ताकतों और संस्थानों के साथ कांग्रेस पार्टी के संबंध उजागर होते रहे हैं, लेकिन अब देश के युवाओं को सीधे नशे में धकेलने वाले इतने बड़े कांड के साथ कांग्रेस के आधिकारिक पदाधिकारी का सीधा संबंध उजागर होना, बहुत गहरे और खतरनाक संदेश देता है।

इससे यह पता लगता है कि अगर उनकी सरकार आई तो क्या होगा। दिल्ली में इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स बरामदगी की तुलना यूपीए सरकार के कार्यकाल से करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में 5,600 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी की यह मात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पूरे भारत में यूपीए के शासनकाल में 2006-2013 के बीच मात्र 768 करोड़ रुपए के ड्रग्स की बरामदगी हुई थी। जबकि ये वो दौर था, जब मुंबई से लेकर पंजाब तक ड्रग्स की गिरफ्त में था। इसकी तुलना में 2014-2022 तक भाजपा सरकार के दौरान 22 हजार करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी गई है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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