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बिजनेस

रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करना है, तो NPS एक बेहतर विकल्प; जानें फायदे

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NPS is a better option for retirement

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नई दिल्ली। रिटायरमेंट की प्लानिंग किसी भी व्यक्ति के भविष्य के लिए जरूरी है। एक्सपर्ट कहते हैं कि जितना जल्दी हो हमें अपने रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसे में NPS या राष्ट्रीय पेंशन योजना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है इसे अपनाकर आप बेहद कम समय में एक बड़ा फंड जमा कर सकेंगे।

आइए जानते हैं इस योजना के बारे में-

NPS क्या है और कैसे काम करता है?

एनपीएस (National Pension System) एक टैक्स सेविंग रिटायरमेंट स्कीम है। इसे सरकार की ओर से केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए 2004 में लॉन्च किया गया था, जिसे 2009 में सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया। एनपीएस को इस तरह से बनाया गया, जिससे निवेश करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन के साथ अच्छा रिटर्न मिल सके।

एनपीएस में किसी भी निवेशक को कम से कम 6000 रुपये प्रतिवर्ष का निवेश करना होता है और उसे रिटायरमेंट तक इस निवेश को जारी रखना होता है। रिटायरमेंट पर निवेशक 60 प्रतिशत तक ही पैसे की निकासी कर सकते हैं। बाकी का 40 प्रतिशत पैसा दोबारा से निवेश कर दिया जाता है, जिससे एनपीएस होल्डर को पेंशन दी जा सके।

दो प्रकार के एनपीएस अकाउंट होते हैं। पहला – टियर 1 और दूसरा – टियर 2। एनपीएस का टियर 1 अकाउंट से 60 वर्ष से पहले पैसे नहीं निकाल सकते हैं, जबकि टियर 2 खाते के लिए ऐसी कोई लिमिट नहीं है। आप अपनी इच्छा के अनुसार पैसा जमा और निकाल सकते हैं।

एनपीएस के क्या फायदे हैं?

एनपीएस में सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आप रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ अपने टैक्स के बोझ को भी कम कर सकते हैं। कोई भी एनपीएस अकाउंट होल्डर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.50 लाख रुपये और 80CCE के तहत 50,000 रुपये की छूट प्राप्त कर सकता है।

क्या एनपीएस निवेश का अच्छा विकल्प है?

अगर आप लंबी अवधि के नजरिए से एक टैक्स सेविंग विकल्प की तलाश कर रहे हैं, तो एनपीएस एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे आपकी टैक्स बचत के साथ रिटायरमेंट की अच्छी प्लानिंग हो सकती है।

एनपीएस व पीपीएफ में अंतर

भारत का 18 साल से लेकर 60 साल तक का कोई भी व्यक्ति एनपीएस में निवेश कर सकता है। पीपीएफ में नाबालिग भी निवेश कर सकता है। एनपीएस में 60 वर्ष के बाद ही पैसे निकाल सकते हैं, जबकि पीपीएफ की मैच्योरिटी 15 वर्ष की है। एनपीएस में रिटर्न निश्चित नहीं होता है। यह बाजार में निर्भर करता है।

क्या है एनपीएस पर ब्याज दर?

सरकार की ओर से जारी की गई ताजा ब्याज दर के मुताबकि, पीपीएफ पर 7.00 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज दी जा रही है। एनपीएस में रिटर्न बाजार पर निर्भर करता है, जब बाजार अच्छा होता है, तो इसमें रिटर्न अधिक मिलता है। वहीं, बाजार के कमजोर होने पर रिटर्न भी कम मिलता है।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सूचना हेतु है न कि कोई निवेश सलाह. संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य राय लें.

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प्रादेशिक

सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज

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नई दिल्ली। घरेलू बाजारों सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 214.08 अंक फिसलकर 79,003.97 अंक पर और एनएसई निफ्टी 63.8 अंक की गिरावट के साथ 23,887.90 अंक पर आ गया।

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईटीसी, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचडीएफसी बैंक के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे। टाइटन, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और मारुति के शेयरों में तेजी आई।

एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में रहा जबकि हांगकांग का हैंगसेंग, चीन का शंघाई कम्पोजिट और जापान का निक्की फायदे में रहे। अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.69 प्रतिशत की गिरावट के साथ 72.38 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।

शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बृहस्पतिवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,224.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

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