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अन्तर्राष्ट्रीय

हरकतों से बाज नहीं आए ‘मोहताज’ पाकिस्तानी, कार्यक्रम से धक्के मारकर किए गए बाहर

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Washington DC Press Club

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वाशिंगटन। दाने-दाने को मोहताज पाकिस्तानी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते, हालांकि कश्मीर पर जब भी वे कुछ गलत बोलते हैं तो उनकी पोल खुल जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ पिछले दिनों अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित प्रेस क्लब में।

दरअसल, वॉशिंगटन डीसी स्थित प्रेस क्लब में कश्मीर के बदलाव विषय पर चर्चा हो रही थी। इसका आयोजन इंटरनेशनल सेंटर फॉर पीस स्टडीज की तरफ से किया गया था। चर्चा में कश्मीर में रहने वाले कुछ लोगों को बुलाया गया था।

कश्मीर वासियों ने अपने भाषण में केंद्र सरकार द्वारा राज्य में किए जा रहे विकास कार्यों और अच्छे बदलावों की तारीफ करनी शुरू कर दी। वहां मौजूद कुछ पाकिस्तानी अफसरों को ये तारीफ रास नहीं आई। उन्होंने बीच कार्यक्रम में हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद उन्हें कार्यक्रम से धक्के मारकर बाहर कर दिया गया।

भारतीयों ने ऐसे दिया जवाब

जानकारी के मुताबिक वाशिंगटन डीसी प्रेस क्लब में इंटरनेशनल सेंटर फॉर पीस स्टडीज ने ‘कश्मीर – फ्रॉम टर्मोइल टू ट्रांसफॉर्मेशन’ विषय पर पैनल चर्चा आयोजित की थी। इस पैनलिस्ट में जम्मू कश्मीर वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष मीर जुनैद और बारामुला नगर परिषद के अध्यक्ष तौसीफ रैना भी शामिल थे।

मीर जब अपनी बात रख रहे थे, तभी कुछ पाकिस्तानी खड़े होकर हंगामा करने लगे। इसका एक वीडियो ट्विटर पर शेयर हुआ है। इस वीडियो में एक पाकिस्तानी शख्स बेहद गुस्से में दिख रहा है। उसे कुछ लोग धक्के देकर निकाल रहे हैं।

इस दौरान पाकिस्तानी चिल्लाते हुए जाता है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच का गला घोंटा जा रहा है। पाकिस्तानी शख्स की इस हरकत का कश्मीर के वक्ताओं ने तुरंत जवाब दिया। वीडियो में वक्ता को कहते हुए सुना जा सकता है कि भगवान तुम्हें सद्बुद्धि दें। पूरे दर्शकों ने आज आपका असली चेहरा देख लिया।

हमने कश्मीर में जो देखा, हमने आज वाशिंगटन में जो देखा और आज पूरी दुनिया ने देख लिया कि ये लोग कितने क्रूर हैं। ऑडियंस देख रहा है कि कश्मीर की बर्बादी के पीछे तुम लोग ही हो। यही लोग हैं, जो जम्मू कश्मीर का माहौल खराब करने की कोशिश करते हैं। इस पर हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठती है।

कश्मीर का पुनर्जन्म हुआ

मीर जुनैद ने विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा, ‘मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि कश्मीर का शांति, समृद्धि और प्रगति की भूमि के रूप में पुनर्जन्म हुआ है। जम्मू और कश्मीर ने कई बदलाव देखे हैं जो इसे विरोध की स्थिति से एक प्रगतिशील केंद्र शासित प्रदेश में ले गए हैं।’

उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा, ‘हमें अब विवादास्पद बयानबाजी से परे देखना होगा। जो देश वैश्विक मंचों पर दुनिया को बेवकूफ बनाने का ढोल पीट रहे हैं, उनका कश्मीर की शांति, प्रगति और समृद्धि से कोई लेना-देना नहीं है। इस तथ्य को स्वीकार करें कि कश्मीर उनके लिए एक अस्तित्वगत समस्या है और इसीलिए वे कश्मीर में हिंसा की आग जलाए रखना चाहते हैं।’

पाकिस्तान द्वारा फैलाया जा रहा प्रोपोगेंडा

इस मामले पर विदेश मंत्रालय के अवर सचिव पीआर तुलसीदास ने कहा कि हमें भारत में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, भलाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा। पाकिस्तान के व्यर्थ के प्रचार में शामिल नहीं होना है।

इस बता दें कि कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद से लगातार पाकिस्तान द्वारा प्रोपोगेंडा फैलाया जा रहा है। यही कारण है कि भारत सरकार द्वारा पाकिस्तानी प्रोपोगेंडें का जवाब सार्वजनिक रूप से दिया जा रहा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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