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जलगांव के ट्रेन हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख, जानें मृतकों को कितना मिलेगा मुआवजा

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के जलगांव में ट्रेन हादसे में दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। इस हादसे से हर कोई स्तब्ध हो गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जाहिर किया है। बता दें कि जलगांव जिले में लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह के कारण कई यात्री ट्रेन से कूद गए थे। इसी दौरान दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन ने इन यात्रियों को कुचल डाला। अब सरकार की ओर से मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है।

क्या बोले पीएम मोदी?

जलगांव रेल हादसे को लेकर पीएम मोदी ने X पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा- “महाराष्ट्र के जलगांव में रेल पटरियों पर हुए दर्दनाक हादसे से दुखी हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

रेलवे कितना मुआवजा देगा?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में ट्रेन की चपेट में आने से 13 यात्रियों की मौत पर शोक जताया है और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। रेल मंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव ट्रेन हादसे के तकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये और मामूली चोट वाले लोगों को 5,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

फडणवीस ने भी किया मुआवजे का ऐलान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी जलगांव ट्रेन हादसे पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। फडणवीस रेल हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। फडणवीस ने स्विट्जरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश भेजते हुए कहा कि घायल यात्रियों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

कैसे हुआ हादसा?

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव जिले में रेलवे स्टेशन से आगे ब्रेक लगाने के बाद लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस के पहियों से चिंगारी निकली थी। इस कारण यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान कुछ यात्रियों ने चेन खींच दी। ट्रेन से कुछ यात्री पटरी पर कूद गए। इन यात्रियों को दूसरी ओर से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन ने कुचल डाला।

 

 

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बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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