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नेशनल

पीएम मोदी की मां की तबियत ख़राब, अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती

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अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन की तबीयत बिगड़ गई है जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद के यूएन मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के अनुसार उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री भी अपनी मां से मिलने अस्पताल पहुंच सकते हैं। इस बीच गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल पहुंचकर हीराबेन के स्वास्थ्य की जानकारी ली है। बता दें कि हीराबेन की उम्र 100 साल से भी अधिक है और अभी भी वह काफी सक्रिय रहती हैं। इसी साल जून के महीने में उन्होंने अपना 100वां जन्मदिन मनाया था।

अस्पताल प्रबंधन ने ताजा रिपोर्ट जारी करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी को आज यहां भर्ती कराया गया है और उनकी स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है।

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कोरोना काल में पेश किया था उदाहरण

हीराबेन मोदी ने कोरोना काल में उस समय वैक्सीन लिया जब लोग इसे लेने से डर रहे थे। हीराबेन के इस कदम को देखकर समाज में कई लोग वैक्सीन लेने के लिए आगे आए। इतना ही नहीं  वह चुनाव में भी मतदान केंद्र पर जाकर वोट करती हैं।

पीएम मोदी के छोटे भाई दुर्घटना में हुए थे घायल

इससे पहले कल मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छोटे भाई प्रह्लाद मोदी एक कार एक्सीडेंट में घायल हो गए थे। वह अपने बेटे, बहू और पोते के साथ बांदीपुर जा रहे थे, जब उनकी कार कर्नाटक के मैसूर के पास डिवाइडर से टकरा गई। प्रह्लाद मोदी को उनके परिवार के साथ इलाज के लिए जेएसएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, कहा जा रहा है कि उन्हें मामूली चोटें आई हैं और फिलहाल वे सुरक्षित हैं।

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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