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UCC पर पीएम मोदी के बयान से मची खलबली, AIMPLB ने मीटिंग कर बनाई रणनीति

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PM Modi statement on UCC in bhopal

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नई दिल्ली। राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद भारतीय जनता पार्टी अब अपने तीसरे अहम अजेंडे समान नागरिक संहिता (UCC) पर आगे बढ़ने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल मंगलवार को कॉमन सिविल कोड (UCC) की जोरदार पैरवी की। इससे विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की। करीब 3 घंटे चली बैठक में तय किया गया कि इस मुद्दे पर लॉ कमिशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा। ऑनलाइन हुई मीटिंग में प्रस्तावित कानून का विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई।

वर्चुअल मीटिंग में बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली समेत AIMPLB के कई सदस्य और वकील शामिल हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बोर्ड लॉ कमिशन के सामने UCC का पुरजोर विरोध करेगा। बैठक में कमिशन के सामने पेश किए जाने वाले ड्राफ्ट और डॉक्युमेंट को भी अंतिम रूप दिया गया।

क्या कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 

बता दें कि कल मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिला है। दो अलग-अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि आजकल समान नागरिक संहिता पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करके भड़का रहा है।

बताते चलें कि UCC की मांग लंबे समय से होती रही है। कुछ महीने पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर एक हलफनामा दिया था। उसमें कहा गया है कि अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए संपत्ति, वैवाहिक विवाद जैसे सिविल मुद्दों पर अलग-अलग कानून देश की एकता के लिए खतरा हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने भी अलग-अलग वक्त पर दिए अपने कई फैसलों में समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दे चुका है। इसी महीने लॉ कमिशन ने इस मुद्दे पर देशवासियों और संगठनों से सुझाव मांगे हैं।

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून से है। देश में आपराधिक मामलों से जुड़े सभी कानून तो सबके लिए समान हैं लेकिन संपत्ति, शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सिविल मामलों में अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। इन्हें खत्म कर सबके लिए समान कानून बनाना बीजेपी के अहम चुनावी वादों में से एक है।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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