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DU के कार्यक्रम में पीएम मोदी होंगे मुख्य अतिथि, तीन नई इमारतों की रखेंगे आधारशिला
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) शताब्दी वर्ष समारोह का समापन आज शुक्रवार को होगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 11 बजे से होगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान होंगे।
स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में होगा कार्यक्रम
कार्यक्रम का आयोजन स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में होगा। इस मौके पर पर पीएम डीयू की तीन इमारतों की आधारशिला रखेंगे और काफी टेबल बुक्स का एक सेट जारी करेंगे। कुलपति योगेश सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री वर्चुअली तीन नई इमारतों की आधारशिला रखेंगे।
प्रधानमंत्री तीन काफी टेबल बुक भी लांच करेंगे, जिसमें एक लोगो बुक भी शामिल होगी। विभिन्न कालेजों के लोगो और उनके आदर्श वाक्य भी होंगे। कार्यक्रम में कालेजों के प्राचार्य, उप प्राचार्य, नव नियुक्त शिक्षक और चयनित छात्र व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे, जबकि बाकी छात्रों और शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आयोजित किया जाएगा।
दिशानिर्देशों पर उठाए सवाल
कार्यक्रम को लेकर कालेजों की ओर से दिए जा रहे दिशानिर्देश सवालों के घेरे में आ गए हैं। हिंदू कालेज पर आरोप लगा है कि उन्होंने छात्रों को काले कपड़े न पहनकर आने को कहा है। कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले छात्रों को अतिरिक्त उपस्थिति दिए जाने का प्रलोभन भी दिया गया है।
प्रदर्शनी में दिखेगा छात्रों का बनाया हुआ माडल
डीयू के बहुउद्देश्यीय भवन में प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें छात्र स्टार्टअप द्वारा बनाए गए मार्स रोवर, सेमीकंडक्टर और टिकाऊ बांस उत्पादों का एक कामकाजी माडल प्रदर्शित किया जाएगा।
डीयू ने प्रदर्शनी के दौरान अपनी “सर्वोत्तम कार्यों” को प्रस्तुत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) के आधार पर कई कालेजों को आमंत्रित किया है। प्रदर्शनी में मिरांडा हाउस, हिंदू कालेज, किरोड़ीमल और रामजस कालेज को स्टाल लगाने की अनुमति दी गई है।
नेशनल
पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले तीन आतंकवादियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया
गुरदासपुर। पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने वाले तीन आतंकवादियों को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मार गिराया गया है. तीनों अपराधियों और उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम के बीच आज सुबह मुठभेड़ हुई. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन अपराधियों ने गोलियां चला दीं. सूत्रों ने बताया कि घायल अपराधियों – गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह और जसनप्रीत सिंह – की चोटों के कारण मौत हो गई. उनके पास से एके सीरीज की दो राइफलें और कई ग्लॉक पिस्तौल बरामद की गई हैं.
पंजाब पुलिस ने कहा है कि तीनों खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल का हिस्सा हैं. पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “यह आतंकी मॉड्यूल पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल है. मुठभेड़ पीलीभीत और पंजाब की संयुक्त पुलिस टीमों के बीच पीलीभीत के थाना पूरनपुर के अधिकार क्षेत्र में हुई है और मॉड्यूल के तीन सदस्य गुरदासपुर में एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमले में शामिल हैं.” उन्होंने कहा, “पूरे आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए जांच जारी है.
पुलिस को मिली थी आतंकियों के पीलीभीत जाने की जानकारी
मुठभेड़ के बारे में बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया, “आज सुबह गुरदासपुर पुलिस ने यूपी के थाना पूरनपुर में आकर सूचना दी कि उनके थाने पर ग्रेनेड से हमला करने वाले 3 खालिस्तानी आतंकियों के यहां होने की जानकारी मिली है. इस सूचना पर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया. तभी ही पूरे इलाके में नाकाबंदी कर चेकिंग शुरू की गई. तभी पूरनपुर थाना क्षेत्र से कमरिया प्वॉइंट पर तैनात पुलिस अधिकारी ने बताया कि यहां पर एक बाइक पर तीन युवक हैं, जिनके पास संदिग्ध सामान है और वो खतरनाक तरीके से बाइक चलाते हुए पीलीभीत की तरफ जा रहे हैं।
मुठभेड़ में ढेर हुए तीनों आतंकी
उन्होंने आगे कहा, “इसके तुरंत बाद पंजाब पुलिस और हमारी टीम ने उनका पीछा किया. वहीं दूसरी ओर पूरनपुर आने वाले संभावित रास्तों के थाना गजरौला और थाना माधोटांडा को भी सूचित किया गया. इसी रस्ते में पीलीभीत और पूरनपुर के बीच एक पुल पड़ता है, वहां से वो नहर पटरी पर उतर गए और उन्होंने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई और हमले में तीनों आतंकी घायल हो गए. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई
एनआईए को सर्च में मिली कई डिजिटल चिप और पैनड्राइव
सर्च के दौरान हाल ही में NIA को ऐसी कई डिजिटल चिप और पेनड्राइव हासिल हुई. उसी के आधार पर ये स्टेटस रिपोर्ट बनाई गई. पिछले एक महीने में पंजाब में अलग-अलग पुलिस स्टेशन और चौकियों पर हमले हुए हैं, जिनमे इसी डेड ड्राप मॉडल का इस्तेमाल किया गया है. डेड ड्राप मॉडल के ज़रिए आतंकियों की साजिश को पकड़ना जांच एजेंसियों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है.
नए लड़कों को लालच देकर फंसाते हैं आतंकी
इस मॉडल के ज़रिए आतंकी संगठन ज्यादातर नए लड़को का इस्तेमाल करते हैं, जिन्हें विदेश बुलाने और पैसे का लालच दिया जाता है.
एक महीने में कई थानों पर हुए हमले
चार दिसंबर को अमृतसर के मजीठा थाने में धमाका हुआ था. तब थाने में हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी. इस धमाके की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी हैप्पी पासियां ले नी थी. 28 नवंबर को अमृतसर पुलिस की पुरानी चौकी गुरबख्श नगर में ब्लास्ट हुआ था. यहां भी हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात सामने आई थी. इसकी जिम्मेदारी भी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए ली गई थी. अमृतसर में 23-24 नवंबर की रात को अजनाला थाने के बाहर आईईडी भी प्लांट किया गया था. हालांकि, तकनीकी खराबी के कारण वह फटा नहीं था. गुरदासपुर जिले में भी पुलिस थाने को निशाना बनाते हुए ग्रेनेड फैंका जा चुका है.
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