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28 मई को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे PM मोदी, 2020 में हुआ था शिलान्यास
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कल गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने पीएम को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। नया भवन आत्मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है।
NIFT के डिजाइन किए यूनिफॉर्म में नजर आएंगे मार्शल
जानकारी के मुताबिक, चार मंजिला नए संसद भवन में मंत्रियों और पार्टियों का ही नहीं, सांसदों का भी अपना कमरा होगा। पुराने संसद के मुकाबले इसमें सबकुछ बदला-बदला नजर आएगा। संसद से जुड़े मार्शल और कर्मचारी राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) की डिजाइन की हुई नई वेशभूषा में नजर आएंगे।
2020 में किया गया था शिलान्यास
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।
अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक और भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और अधिक समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से परफॉर्म करने में भी सहायता मिलेगी।
लोकसभा में बैठ सकेंगे 888 सदस्य
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैम्बर में ही आयोजित होगा।
सेंट्रल हॉल नहीं, कमेटी हॉल
नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। इसकी जगह कमेटी हॉल होगा। इसमें विशेष तौर पर बेहद खूबसूरत संविधान कक्ष बनाया गया है। इसके अतिरिक्त लाउंज, पुस्तकालय, कैंटीन की सुविधा उपलब्ध होगी।
भविष्य का रखा गया है ख्याल
भविष्य में संसद के दोनों सदनों में सांसदों की संख्या बढ़ाने की संभावना का नए संसद भवन के निर्माण में ख्याल रखा गया है। इसमें 1,224 (लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 384) सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।
1971 के बाद से सांसदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई
दरअसल, साल 1971 के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की संख्या नहीं बढ़ाई गई है। कई बार 33 फीसदी संख्या बढ़ाने पर विचार हुआ। वर्तमान में 25 लाख की आबादी पर एक सांसद है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसे पुराने संसद भवन से 17,000 वर्गमीटर बड़ा बनाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी की ‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना’
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि नवनिर्मित संसद भवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा वाली परियोजना’ है। साथ ही सवाल किया कि ऐसी इमारत की जरूरत ही क्या है, जब विपक्ष के ‘माइक’ बंद कर दिए गए हैं। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि संसद भवन सिर्फ इमारत नहीं है बल्कि बेजुबानों की जुबान है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने नए संसद भवन में चल रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘28 मई को उद्घाटन किए जाने वाले नए संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और श्रमिक। तस्वीर सबकुछ बयां करती है… व्यक्तिगत महात्वाकांक्षा वाली परियोजना।’’
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर ने ट्वीट किया, संसद भवन सिर्फ ईंट और सीमेंट की बनी दीवारें नहीं है, यह बेजुबानों की जुबान है। उन्होंने सवाल किया, यह जगह की बात नहीं है… यह सुविधाओं की बात नहीं है… यह आवाज है। लेकिन जब विपक्ष के माइक ही बंद हैं तो इसकी जरूरत क्या है।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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