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खेल-कूद

इतिहास रचने से चूक गए प्रगनानंद, विश्व कप शतरंज के टाईब्रेकर मुकाबले में मिली हार

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R Praggnanandhaa Chess World Cup 2023 Final

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नई दिल्ली। भारत के 18 साल के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रगनानंद को फिडे विश्व कप शतरंज के टाईब्रेकर मुकाबले में हार झेलनी पड़ी। दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्रस कार्लसन ने शतरंज विश्व कप का पहला खिताब जीत लिया है।

बता दें कि टाईब्रेकर का पहला राउंड जीतने के बाद मैग्रस ने दूसरे राउंड में शानदार चाल चली और ये राउंड ड्रॉ पर खत्म हुआ और इस तरह मैग्रस ने विश्व कप जीत लिया। ये चेस विश्व कप फाइनल का तीसरा दिन रहा, जहां आर प्रगनानंद इतिहास रचने से चूक गए।

बता दें कि रैपिड फॉर्मेट में दो टाईब्रेकर बाजियां खेली गई, जिसमें दोनों खिलाड़ियों को 25-25 मिनट का समय मिला। हर चाल के बाद हर खिलाड़ी के पास 10 सेकंड जुड़ गए। 47 चालों के बाद प्रगनानंद को पहले टाई ब्रेकर में हार मिली और दूसरे टाई-ब्रेकर में ड्रॉ पर समाप्त हुआ। दोनों के बीच अंतिम स्कोर, कार्लसन-1.5, प्रग्गनानंद- 0.5 का रहा और इस तरह मैग्रस ने ये खिताब जीत लिया।

7 साल की उम्र में जीती थी विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप

बता दें कि युवा भारतीय शतरंज खिलाड़ी रमेशबाबू ने 2016 में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनकर शतरंज की दुनिया में इतिहास रचा था। इसके साथ उन्होंने फेडरेशन इंटरनेशनल डेस एचेक्स में इंटरनेशनल मास्टर की खास उपाधि हासिल की।

उनका इस खेल से लगाव 3.5 साल की उम्र से हुआ, जब से उन्होंने अपनी बड़ी बहन को चेस खेलते हुए देखा था। इसके बाद सात साल की उम्र में उन्होंने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। इसके बाद अंडर-10 टाइटल के साथ कई खिताब अपने नाम किए।

सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी को दी थी मात

प्रगनानंद ने सेमीफाइनल मैच में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में एंट्री की थी। वह महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाने वाले सर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।

प्रगननांद की सेमीफाइनल में भी ऐतिहासिक जीत रही थी। दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 की बराबरी पर समाप्त होने के बाद प्रगननांद ने टाईब्रेकर में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर को पछाड़ा था।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबियत खराब, हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया

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मुंबई। भारतीय टीम के क्रिकेटर विनोद कांबली का अभी सचिन तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सचिन को अपने बैठने के लिए कहते हैं। दोनों पुराने दोस्त कोच रमाकांत आचरेकर के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मिले थे। इस कार्यक्रम में भी कांबली की हालत खराब लग रही थी। कांबली का जब तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 1983 का खिताब जीतने वाले सदस्य उनकी मदद के लिए सामने आए। कपिल देव आर्थिक तौर उनकी मदद के लिए तैयार थे। अब फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली खबर आई है। कांबली की तबियत अचानक खराब हो गई है और उन्हें ठाणे के प्रगति हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। फिलहाल डॉक्टर्स की टीम उनकी देखभाल कर रही है और सभी जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं।

करियर की शुरुआत में भारत के किया दमदार प्रदर्शन

विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए साल 1991 में वनडे में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट में साल 1993 में टेस्ट में डेब्यू किया। शुरुआत में तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया था। वह भारत के लिए सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने 14 पारियों में ऐसा किया था। लेकिन बाद में वह प्रदर्शन को छोड़कर निजी जीवन के लिए फेमस रहे।

ऐसा रहा है विनोद कांबली का करियर

विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए 17 टेस्ट मैचों में कुल 1084 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 104 वनडे मैचों में कुल 2477 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। 2000 के दशक में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा और इसी वजह से वह टीम इंडिया से बाहर हो गए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी वनडे मैच साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला।

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