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प्रादेशिक

पंजाब: पराली की समस्या के समाधान के लिए कपूरथला से Led Van रथ लॉन्च, किसानों को करेंगे जागरूक

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चंडीगढ़। धान की फसल की कटाई के साथ ही पंजाब और हरियाणा में किसान फसलों के अवशेष यानी पराली को जलाना शुरू कर देते हैं। जिससे एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। यह समस्या हर साल की है इसकी वजह से एनसीआर का इलाका गैस चेंबर बन जाता है। हालांकि पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों की सरकार पराली जलाने के मामले को लेकर कई तरह के कदम उठा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी इस समस्या पर पूरी तरह लगाम नहीं लग पाई है।

इस बात को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार लगातार इस और काम कर रही है। केंद्र सरकार ने पंजाब में पराली जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर अवेयरनेस प्रोग्राम चलाया है। इसके मद्देनजर वहां के किसानों को जागरूक किया जाएगा और बताया जाएगा कि पराली जलाने से स्वास्थ्य से लेकर पर्यावरण तक कितना नुकसान होता है, जिसका खामियाजा हम सभी को भुगतना पड़ता है। पराली की समस्या का समाधान के लिए पंजाब के कपूरथला से led van रथ लॉन्च किए गए जिसका उद्घाटन mnre (ministry of new and renewable energy ) secretary श्री भूपेंद्र सिंह भल्ला द्वारा किया गया।

ये कैंपेन पराली की समस्या को दूर करने के लिए गांव गांव किसानो के लिए जागरूक अभियान चालू किया गया है जिसमे की सभी किसानो को पराली से होने वाली समस्या को दूर करने के लिए शुरू हुआ है। हर जिले में इस तरह की एक गाड़ी जायेगी जो की हर गांव को कवर करते हुए सभी किसानो तक जायेगी और अपनी पराली जलाने की जगह कुछ और उपाय बताए जाएंगे।

केंद्र सरकार अपनी इस अवेयरनेस प्रोग्राम के जरिए गांव गांव जाकर किसानों को बताना चाहती है, पराली से पैलेट बनाने के इस सफर में कैसे वह केंद्र सरकार का साथ दे सकते हैं। अपने खेतों में पड़ी पराली या कटाई के बाद बचे वेस्टेज मटेरियल को जिसे वह जला देते हैं ,उसे ना जलाकर किसी मशीनरी के माध्यम से सात आठ गांवों के बीच बने पलेट मैन्युफैक्चरिंग की प्लांट पर ले जाकर उसे वेस्ट से पैलेट का निर्माण कर सकते हैं, उसे पैलेट का इस्तेमाल भट्टी तंदूर या किसी ऐसे स्थान पर किया जा सकता है जहां पर कोयल का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होता हो एक तरह से कहा जाए तो यह पायलट कोयले का रिप्लेसमेंट है और इसके माध्यम से ग्रामीण अपने लिए नए रोजगार प्राप्त कर सकते हैं साथ ही साथ वो पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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