पंजाब
भगवंत मान ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- गिद्दड़बाहा के विकास के कुछ नहीं किया
चंडीगढ़। पंजाब में 20 नवंबर को होने जा रहे उपचुनावों से पहले सरकार और विपक्ष के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। इसी कड़ी में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को गिद्दड़बाहा से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को भी निशाने पर लिया।
सीएम मान ने दोनों नेताओं पर कुल मिलाकर 29 सालों तक गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के दौरान ‘कुछ नहीं करने’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक पार्टियों के नेताओं ने क्षेत्र के लोगों को बार-बार धोखा दिया है।
गिद्दड़बाहा से आम आदमी पार्टी यानी कि AAP के उम्मीदवार हरदीप सिंह ‘डिम्पी’ ढिल्लों के लिए प्रचार करते हुए मान ने कहा कि मनप्रीत बादल और राजा वडिंग ने 29 साल तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों के लिए ‘कुछ नहीं किया।’
भगवंत मान ने दावा किया कि गिद्दड़बाहा के लोगों को आसानी से बहकाया नहीं जा सकता क्योंकि वे जानते हैं कि पारंपरिक पार्टियों के नेताओं ने उन्हें बार-बार धोखा दिया है। मतदाताओं से ढिल्लों को चुनावों में जीत दिलाने की अपील करते हुए मान ने कहा कि गिद्दड़बाहा के लोगों के पास अब एक ऐसा उम्मीदवार चुनने का मौका है जो उनका अपना है।
पंजाब
किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान
चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’
अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।
अपनी मांगों पर अड़े किसान
पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।
किसानों की क्या हैं मांगें?
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।
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