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राजस्थान: वंदे भारत के ट्रैक पर पत्थर रखकर डीरेल करने की साजिश, लोको पायलट की सूझबूझ से टला हादसा

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जयपुर। राजस्थान में वंदे भारत एक्सप्रेस को बेपटरी करने की बड़ी साजिश नाकाम हो गई है। यहां के चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा रेलवे ट्रैक पर सोनियाना और गंगरार के बीच कुछ बदमाशों ने पत्थर रख दिए थे। इस बीच वंदे भारत ट्रेन वहां से गुजरने वाली थी। अचानक लोको पायलट की नजर ट्रैक पर जमा किए गए पत्थरों पर पड़ी। लोको पायलट ने सूझबूझ से काम लेते हुए वंदे भारत ट्रेन को रोक दिया. इस दौरान 10 मिनट तक वंदे भारत ट्रेन खड़ी रही. ट्रैक से पत्थर हटाए जाने के बाद ट्रेन को दोबारा रवाना किया गया।

उदयपुर से जयपुर के बीच चलने वाली तीसरी वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत के दूसरे दिन ही ट्रेन पर पत्थर फेंक कर एक यात्री डिब्बे का शीशा भी तोड़ा गया था। रेलवे ने चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरारा पुलिस थाने में अज्ञात लोगो के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। यह घटना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्तौड़गढ़ जिले के सांवरिया जी के दोरे पर थे। उनकी सभा में कई लोग ट्रेनों से सफर कर भी आ रहे थे। अगर यह हादसा हो जाता तो पीएम की सभा पर भी इससे काफी फर्क पड़ता।

रविवार 24 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को दिल्ली से वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इनमें एक वंदे भारत एक्सप्रेस उदयपुर से जयपुर के बीच चलाई जा रही है। यह ट्रेन प्रदेश की तीसरी वंदेभारत ट्रेन है। इस ट्रेन में चेयर कार श्रेणी का अधिकतम किराया 850 रुपए जबकि एक्जीक्यूटिव श्रेणी का किराया 1800 रुपए तक रखा गया है।

नेशनल

भारत के इस राज्य में मिला मंकीपॉक्स का मरीज, दुबई से आया था शख्स

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कर्नाटक। कर्नाटक में मंकीपॉक्स बीमारी का एक मामला सामने आया है। हाल ही में दुबई से आया 40 वर्षीय एक व्यक्ति जांच में वायरस से संक्रमित पाया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी गुरुवार को दी। अधिकारियों ने कहा कि यह राज्य में इस साल मंकीपॉक्स का पहला मामला है। स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि 22 जनवरी, 2025 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे द्वारा करकला (उडुपी जिले) के मूल निवासी 40 वर्षीय पुरुष में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) की पुष्टि हुई है। वह पिछले 19 वर्षों से दुबई में रह रहा था और 17 जनवरी, 2025 को मंगलुरु आया था।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उसके यहां पहुंचने पर, उसमें चकत्ते के लक्षण दिखे और दो दिन पहले उसे बुखार भी हुआ था। विभाग के अनुसार उसे तुरंत एक निजी अस्पताल में पृथक रखा गया और उसका नमूना बैंगलोर मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) और उसके बाद एनआईवी, पुणे भेजा गया। व्यक्ति की हालत स्थिर है और उसे जल्द ही छुट्टी मिल सकती है। विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे बीमारी की प्रकृति और इसकी बहुत कम संक्रामकता को देखते हुए मामले की जानकारी देने में घबराएं नहीं।

चकत्ते और बुखार के लक्षण दिखे

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, जब शख्स दुबई से वापस आया तब उसमें चकत्ते के लक्षण दिखे। इससे दो दिन पहले उसे बुखार भी आया था। इसके बाद शख्स को तुरंत ही एक प्राइवेट अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया। इसके बाद शख्स का नमूना लेकर बैंगलोर मेडिकल कॉलेज और उसके बाद एनआईवी, पुणे भेजा गया।

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