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उत्तर प्रदेश

बिना भेदभाव सुशासन का मॉडल ही रामराज्य है : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकारी कार्यों में अधिकाधिक टेक्नोलॉजी के उपयोग से आम जनमानस की जिंदगी में तेजी से बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुरूप जीवन के हर क्षेत्र में रिफॉर्म से न केवल पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि भ्रष्टाचार भी समाप्ति की ओर है। उन्होंने कहा कि जहां शासन की सुविधा का लाभ बिना भेदभाव हर नागरिक तक पहुंच सके वही सुशासन है और सुशासन का यही मॉडल रामराज्य है। सीएम योगी शनिवार को लोकभवन में खाद्य रसद विभाग और ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 1100 अन्नपूर्णा भवनों और 79000 उचित दर दुकानों पर ई-वेइंग स्केल लिंक्ड ई-पॉस मशीनों का लोकार्पण और शुभारंभ किया।

राशन वितरण के क्षेत्र में व्यापक रिफॉर्म हुए हैं

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के सतत प्रयास से हर गरीब को खाद्यान उपलब्ध कराने में हम सफल हुए हैं। 2014 से पहले जरूरतमंदों को राशन नहीं मिल पाता था। उनके नाम पर राशन कार्ड तो होता था, मगर राशन कोई और ही डकार जाता था। यहां तक कि 2017 से पहले प्रदेश के कई जनपदों में भूख से भी मौतें होती थीं। मगर, हमने पहले ई पॉश मशीन और अब ई वेइंग मशीन जैसी तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। इससे राशन वितरण के क्षेत्र में व्यापक रिफॉर्म हुए हैं। खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से प्रदेश के लगभग 80 हजार राशन कोटे की दुकानों में हुए इस रिफॉर्म का लाभ 15 करोड़ लाभार्थियों लोगों को प्राप्त हो रहा है।

भुखमरी की समस्या का हुआ समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक आधरित खाद्य वितरण प्रणाली से न केवल भूखमरी की समस्या का समाधान हुआ, बल्कि हम कलंक से मुक्त भी हुए हैं। पहले राशन एफसीआई गोदामों से निकलने के बाद बीच से ही गायब हो जाता था, मगर अब लखनऊ से ही बैठकर मॉनीटरिंग होगी कि राशन वास्तव में जिस कोटे की दुकान तक जाना था, वहां तक पहुंचा या नहीं। यह परिवर्तन ही सबका साथ सबका विकास है। यही मोदी जी का मंत्र है जो जमीनी धरातल पर उतरता हुआ दिखाई दे रहा है। 2014 से पहले यह असंभव था। गरीब को राशन मिल पाना दूभर था। इस प्रकार की बातों की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।

अन्नपूर्णा भवनों से जेनरिक दवाएं भी मिलेंगी, बनेंगे जरूरी प्रमाणपत्र

मुख्यमंत्री ने लोकार्पित हुए 1100 अन्नपूर्णा भवनों के बारे में बताते हुए कहा कि अब राशन कोटे के लिए अन्नपूर्णा भवन स्थाई भवन हो गए हैं। अब कोटेदार के बदलने पर भी राशन की दुकानें नहीं बदलेंगी। राशन के साथ ही अन्नपूर्णा भवनों से अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। यहां से सस्ती जेनरिक दवाएं और घर की अन्य आवश्यक वस्तुओं की भी पूर्ति की जाएगी। यहां राशन के लिए गोदाम भी रहेगा। इसके अलावा यहीं पर कॉमन सर्विस सेंटर भी होगा, जहां से जन्म, मृत्यु, आय, जाति प्रमाणपत्र जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। आज 11 सौ दुकानें से इसकी शुरुआत हो रही है, शीघ्र ही प्रदेश के 80 हजार राशन कोटे की दुकानों के लिए ये व्यवस्था हो जाएगी।

संवेदनशील सरकारें सुरक्षा और समृद्धि के द्वार खोलती हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार संवेदनशील होती है तो जनता की सुरक्षा और समृद्धि के द्वार भी खोलती है। डबल इंजन की सरकार इसीलिए डबल स्पीड से कार्य कर पा रही है क्योंकि हमारा एक ही लक्ष्य है, हमें विकास भी करना है, सुरक्षित माहौल भी देना है, समृद्धि भी लानी है, गरीब कल्याण के कार्य को भी बिना भेदभाव के आगे बढ़ाते रहना है। सीएम ने कहा कि पहले की सरकारों के पास विजन ना होने के कारण मनरेगा के अंतर्गत एक बार तालाब की खोदाई होती थी, फिर उसे पाट दिया जाता था और फिर से उसे दोबारा खोदा जाता है, मगर आज नये नये निर्माण कार्य हो रहे हैं, अन्नपूर्णा भवन बनाए जा रहे हैं। इससे रोजगार भी मिल रहा है और सुविधाएं भी।

टेक्नोलॉजी के जरिए हमेशा के लिए करेंगे पैमाइश की समस्या का समाधान

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बहुत शीघ्र कुछ और बहुत बड़े कदम उठाने जा रही है। हर राशन कार्ड के आधार सीडिंग का कार्य चल रहा है। हर व्यक्ति की फैमिली आईडी तैयार हो रही है, जिससे एक जगह बैठे बैठे तय हो जाएगा कि किसे कौन सी सुविधा मिली है या कौन सी सुविधा देनी है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश की जनता को अपने राजस्व के कागजातों को देखने के लिए तहसील के चक्कर नहीं लगाने होंगे, एक जगह से ही उन्हें अपने सभी दस्तावेज प्राप्त हो जाएंगे। इस सुविधा को आगे वरासत की प्रक्रिया के साथ भी जोड़ा जाएगा, यही नहीं पैमाइश की समस्या को भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाएगा।

सीएम ने सौंपी अन्नपूर्णा भवन की प्रतीकात्मक चाबी

इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रदेश के 10 उचित दर विक्रेताओं को अन्नपूर्णा भवन की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी। इसमें लखनऊ से जगलाल, रायबरेली के अशोक कुमार और धीरेन्द्र विक्रम, बाराबंकी की रेखा देवी और पुष्पा देवी, उन्नाव के लोकई प्रसाद और मालती देवी, हरदोई से अंजनी कुमार और जितेन्द्र, सीतापुर मोहम्मद नियाज खान को अन्नपूर्णा भवन की प्रतीकात्मक चाबी सौंपी गई। वहीं इस अवसर पर सीएम ने लाभार्थियों को राशन किट भी प्रदान किया।

इस अवसर पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, खाद्य एवं रसद विभाग के राज्यमंत्री सतीश चंद्र शर्मा, ग्राम्य विकास विभाग की राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव खाद्य रसद आलोक कुमार सहित विभागीय अधिकारीगण एवं प्रदेश के 1100 अन्नपूर्णा भवनों से वर्चुअल माध्यम से जुड़े जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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