अन्तर्राष्ट्रीय
यूक्रेन पर हमले के बीच भारत दौरे पर आ रहे रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, जानिए इसके मायने
यूक्रेन से जारी जंग के बीच आज रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। उनका ये दौरा दो दिन का है। इस दौरान उनकी मुलाकात भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी होगी। उनका ये दौरा बेहद खास माना जा रहा है। इसकी भी कुछ खास वजह हैं। दरअसल, उनका ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब यूक्रेन से जारी रूस की जंग को दूसरा माह चल रहा है। इस बीच दोनों देशों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत अलग अलग स्तर पर अलग-अलग जगहों पर हो चुकी हैं, लेकिन इसका कोई भी नतीजा नहीं निकला है। हालांकि बीते दिनों तुर्की में हुई बातचीत के बाद कुछ पाजीटिव बातें जरूर सामने आई हैं जिसके बाद समाधान के जल्द निकलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सर्गी का दौरा बेहद खास
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का दौरा इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि रूस और यूक्रेन के बीच की जंग को लेकर भारत पर लगातार अमेरिका का दबाव बना हुआ है। बता दें कि भारत ने इस मुद्दे पर हर बार विभिन्न मंचों पर, चाहे वो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ लाया गया मतदान हो या फिर उसके खिलाफ प्रस्ताव हो या फिर संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में रूस के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव हो, सभी से दूर रहकर अपने तटस्थ बने रहने का साफ संकेत दिया है।
भारत और रूस की बातचीत से निकला रास्ता
पिछले सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत को लेकर यहां तक कहा था कि इस मुद्दे पर अमेरिका के सभी सहयोगी उसके साथ हैं लेकिन भारत का रवैया इस मुद्दे पर गोलमोल रहा है। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी होगा कि जब इस जंग की शुरुआत हुई थी तभी भारत की तरफ से रूस को एक बात स्पष्ट रूस से कही गई थी कि भारत को यूक्रेन में मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा की चिंता है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस संबंध में सीधे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात भी की थी, जिसके बाद रूस ने न सिर्फ भारत को अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए समय दिया था बल्कि सुरक्षित कारिडोर भी मुहैया करवाया था। रूस के इस सहयोग के बाद भारत के रेस्क्यू आपरेशन में काफी तेजी भी आई थी।
भारत के रवैये पर धन्यवाद कर सकता है रूस
बता दें कि भारत और रूस के संबंध काफी पुराने और मजबूत रहे हैं। माना जा रहा है कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव अपने इस दौरे में भारत का उसके तटस्थ रवैये को लेकर धन्यवाद दे सकते हैं। इसके अलावा भविष्य में भारत और रूस के आपसी सहयोग पर भी दौरान बातचीत हो सकती है। आपको बता यूएनएससी और यूएनजीए में रूस के खिलाफ लाए प्रस्ताव पर भारत के वोटिंग में हिस्सा न लेने का रूस ने स्वागत किया था और इसके लिए भारत का धन्यवाद भी किया था। भारत ने इस संबंध में अपना स्पष्ट रुख कायम रखा है। भारत का कहना है कि वो दोनों ही पक्षों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मसले का समाधान चाहता है।
दोनों देश पुराने और भरोसेमंद साझेदार
यहां पर ये भी जानना बेहद जरूरी है कि भारत रूस का न सिर्फ रणनीतिक सहयोगी है बल्कि व्यापारिक दृष्टि से भी काफी अहम साझेदार है। भारत अपनी तेल की जरूरत का एक बड़ा रूस से खरीदता है। हालांकि, बीते कुछ समय में अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से इसमें कमी जरूर आई है लेकिन इसके बाद भी भारत ने पूरी तरह से रूस का साथ कभी नहीं छोड़ा है। अमेरिका के लिए हमेशा से ही ये चिंता की बात रही है। पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसका जिक्र अपनी एक रैली में भी किया था। इमरान खान का कहना था कि भारत प्रतिबंधों के बाद भी रूस से रियाअती दरों पर तेल खरीद रहा है। ये भारत की बेहतर विदेश नीति का ही नतीजा है।
रूस और यूक्रेन हमले का प्रभाव
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पड़ोसी देशों में शरणार्थियों की संख्या 35 लाख से भी पार हो चुकी है। यूक्रेन में रूस के हमले के बाद से खाने-पीने की चीजों की भी किल्लत हो रही है। वहीं पड़ोसी देशों में भी इस तरह की किल्लत देखी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र के महानिदेशक लगातार इसको लेकर अपनी चिंता जता चुके हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
-
मनोरंजन3 days ago
क्या श्वेता तिवारी ने कर ली है तीसरी शादी, जानें इस खबर की सच्चाई
-
नेशनल3 days ago
धीरेन्द्र शास्त्री की एकता यात्रा आज से शुरू, सीएम मोहन यादव और भोजपुरी सिंगर खेसारी लाल यादव ने भेजी शुभकामनाएं
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
-
ऑफ़बीट3 days ago
IND VS AUS: ताश के पत्तों की तरह बिखरा भारत का बैटिंग आर्डर, पूरी टीम 150 रनों पर ढेर
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट
-
Success Story2 days ago
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
-
नेशनल2 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित