Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

370 खत्म करने के खिलाफ आज से SC में सुनवाई, दलील के लिए 60 घंटे का समय

Published

on

Muslim side also got a blow from SC in Shri Krishna Janmabhoomi dispute

Loading

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म हुए लगभग चार साल हो गए हैं। 5 अगस्त 2019 को संसद ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला किया था। अब सुप्रीम कोर्ट 370 को बहाल करने की मांग वाली याचिकाओं पर आज से सुनवाई करने जा रहा है। CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ आज से रोजाना सुनवाई करेगी।

पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी.आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। अनुच्छेद 370 पर कपिल सिब्बल सहित अन्य दिग्गज वकील जिरह करेंगे। लिस्ट में 18 वकील शामिल हैं। दलील के लिए 60 घंटे का वक्त दिया गया है। आज कपिल सिब्बल इसकी शुरुआत करेंगे।

पीठ ने 11 जुलाई को विभिन्न पक्षों की लिखित दलीलों और मामले का ब्योरा दाखिल करने के लिए 27 जुलाई की समयसीमा तय की थी। पीठ ने कहा था कि सुनवाई सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोज होगी। दरअसल, सोमवार और शुक्रवार शीर्ष अदालत में विविध मामलों की सुनवाई के दिन हैं। इन दिनों में केवल नई याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाती है और नियमित मामलों की सुनवाई नहीं की जाती है।

कोर्ट ने विवरणिका तैयार करने और इसे 27 जुलाई से पहले दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ताओं और सरकार की तरफ से एक-एक वकील को नियुक्त किया था। कोर्ट ने साफ कहा था कि बाद में कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा। विवरणिका अदालत को पूरे मामले का सार-संक्षेप देती है जिससे तथ्यों को जल्दी से समझने में सहायता मिल सके।

पीठ ने कहा था कि पांच अगस्त 2019 की अधिसूचना के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति के संबंध में केंद्र की ओर से सोमवार को दाखिल हलफनामे का संविधान पीठ द्वारा संवैधानिक मुद्दे पर की जा रही सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

नेशनल

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

Continue Reading

Trending