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पीएम मोदी की पीठ पर हाथ और PC से नदारद, क्या है पवार का इरादा?  

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sharad pawar hand on the back of PM Modi in pune

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नई दिल्ली। 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को हराने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. को बनाने में शरद पवार की बड़ी भूमिका रही है, लेकिन वर्तमान में पवार इस गठबंधन को झटका देने के मूड में दिखाई पड़ते हैं।

दरअसल, पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया था। इस दौरान मोदी और पवार गर्मजोशी के साथ मिले। मोदी जब उनसे मिलने के लिए आए तो पवार हंसकर उनसे मिले और पीएम की पीठ पर हाथ भी रखा। मोदी और पवार की मुलाकात के अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

दूसरी ओर, I.N.D.I.A. गठबंधन ने सांसदों ने हाल ही में मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राज्य का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। विपक्षी नेताओं ने मणिपुर दौरे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा।

गच्चा दे गए शरद पवार!

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में I.N.D.I.A. के कई नेता मौजूद थे, लेकिन शरद पवार नदारद थे। कांग्रेस अध्यक्ष अगल-बगल झाकने लगे, उन्हें लगा कि शरद पवार आते ही होंगे, लेकिन पवार नहीं आए। हालांकि, राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान वो प्रतिनिधिमंडल के साथ थे।

राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान विपक्षी नेताओं ने मणिपुर में अविलंब शांति और सदभाव बहाली के लिए उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने राष्ट्रपति से पीएम मोदी को मणिपुर मुद्दे पर संसद में बयान देने और शांति बहाली के लिए तत्काल मणिपुर का दौरा करने का निर्देश देने की भी मांग की। इस मुलाकात के दौरान तो विपक्षी दलों के नेता एकजुट दिखे, लेकिन बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस शरद पवार के गायब रहने के सियासी अर्थ निकाले जा रहे हैं।

नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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