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सपा सांसद इकरा हसन ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ की कार्रवाई की मांग, बोलीं- ये नाकाबिले बर्दाश्त

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सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने यति नरसिंहानंद के बयान पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सपा सांसद इकरा हसन ने कहा- “यति नरसिंहानंद जैसे ढोंगी, पाखंडी लोगों ने एक बार फिर अपनी गंदी जुबान से नफरत का जहर उगला है और हमारे प्यारे नबी की शान में गुस्ताखी की है। जो हम सबके लिए नाकाबिले बर्दाश्त है। प्यारे नबी जो पूरी दुनिया के लिए रहमत और शांति का पैगाम लेकर आए थे, उनकी शान में यह अपनी गंदी जुबान से अपमान कर रहा है। जो हर अमन पसंद हिन्दुस्तानी चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, सब के लिए नाकाबिले बर्दाश्त है।

दरअसल, यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, इसके बाद से बवाल बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद के अलावा मेरठ, बुलंदशहर समेत कई अन्य शहरों में भी प्रदर्शन और विरोध होता रहा। कई जगहों पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस मसले को लेकर राजनीतिक टीका-टिप्पणी और बयानबाजी भी जारी है।

बता दें कि डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के हालिया विवादित बयान ने तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर की सुरक्षा में बड़ी संख्‍या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। नरसिंहानंद के भड़काऊ बयान के बाद शुक्रवार रात से लोग डासना देवी मंदिर के बाहर इकट्ठा होने लगे थे। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने मंदिर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी। मंदिर के एंट्री गेट पर बैरिकेड लगाए गए हैं। मंदिर के बाहर गाजियाबाद पुलिस की 4-5 पीसीआर वैन खड़ी हैं।

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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