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अन्तर्राष्ट्रीय

अब ऑस्ट्रेलिया जा सकेंगे अंतरराष्ट्रीय छात्र, 17 हजार भारतीय भी शामिल

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नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीकों की सूची में भारत की कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इससे अब 17 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की ऑस्ट्रेलिया वापसी सुनिश्चित हो सकेगी। भारत में शिक्षा मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया का शिक्षा विभाग इस मुद्दे पर चर्चा करने जा रहे हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को सुविधा प्रदान करना है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस विषय पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया जाने वाले सभी भारतीय छात्रों के लिए यह एक स्वागत योग्य कदम है। कोवैक्सीन को ऑस्ट्रेलिया की स्वीकृत और कोविड 19 टीकों की सूची में शामिल करने से भारतीय छात्रों और पेशेवरों की ऑस्ट्रेलिया में वापसी सुनिश्चित होगी।

दरअसल ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा और युवा मामलो के मंत्री एलन टुडगे ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र अगले सप्ताह से ऑस्ट्रेलिया लौट सकेंगे। यह छात्रों के लिए अच्छा है, यह हमारे शिक्षा संस्थानों के लिए अच्छा है और यह कई व्यवसायों के लिए अच्छा है जो ग्राहकों और कर्मचारियों के रूप में अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर निर्भर हैं। हम 1 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सीमाएं खोल रहे हैं। यह छात्रों के लिए अच्छा है, विश्वविद्यालय के लिए अच्छा है और हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है।

गौरतलब है कि भारत के करीब 17000 से अधिक छात्रों जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में दाखिला लिया है, विभिन्न कारणों से यह छात्र ऑस्ट्रेलिया में स्थित अपने संस्थानों में पढ़ाई करने नहीं जा पा रहे थे। हालांकि अब ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री द्वारा किए गए उठाए गए कदमों के बाद इन छात्रों की ऑस्ट्रेलिया वापसी सुनिश्चित हो सकेगी।

ऑस्ट्रेलिया द्वारा इस प्रकार की घोषणा से कुछ दिन पहले भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा और युवा मामलों के मंत्री एलन टुडगे के बीच एक अहम मीटिंग हुई थी। इस महत्वपूर्ण बैठक में ऑस्ट्रेलिया के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े भारतीय छात्रों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। दोनों देशों के शिक्षा मंत्रियों के बीच यह बैठक वर्चुअल मोड में आयोजित की गई थी।

इस आभासी मीटिंग के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री के समक्ष ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की वापसी का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष ने दोतरफा छात्र गतिशीलता, शिक्षक आदान-प्रदान, अनुप्रयुक्त अनुसंधान और पारस्परिक प्राथमिकता के अन्य क्षेत्रों पर जोर देने के साथ उच्च शिक्षा में बढ़ती ऑस्ट्रेलिया-भारत साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की थी।

ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की ऑस्ट्रेलिया वापसी का मुद्दे पर ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने ऑस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की वापसी को आसान बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी थी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बात की फिर से पुष्टि की कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 हमारे युवाओं की आकांक्षाओं और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने और भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और कौशल स्पेक्ट्रम में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

लेबनान में हिजबुल्लाह के टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या

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हिजबुल्लाह के एक टॉप लीडर शेख मुहम्मद अली हमादी की हत्या कर दी गई है। हमादी की हत्या लेबनान के पश्चिमी बेका क्षेत्र में की गई है। दो वाहनों पर आए बंदूकधारियों ने शेख मोहम्मद हमादी पर उस समय गोलियां चलाईं, जब वह अपने घर के बाहर खड़ा था। इस हमले में हमादी को कई गोलियां लगी थीं।

स्थानीय प्रशासन कर रहा है जांच

घायल हालत में हमादी को तुरंत ही पास के शहर सोहमोर के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अज्ञात हमलावर गोलीबारी के बाद फरार हो गए, स्थानीय प्रशासन घटना की जांच कर रहा है। अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कुछ रिपोर्ट्स में इस हत्या के पीछे इजरायल का हाथ बताया जा रहा है तो कोई इसे पारिवारिक झगड़े से जोड़कर देख रहा है।

एफबीआई को थी हमादी की तलाश

शेख हमादी की हत्या के बाद लेबनानी सेना इलाके की घेराबंदी कर दी है। हमलावरों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हमादी की हत्या ऐसे समय हुई है जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम चल रहा है। एफबीआई को भी हमादी की तलाश थी। वह 1985 में वेस्ट जर्मन प्लेन को हाइजैक करने के मामले में वॉन्टेड था।

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