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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सियासी दांव से दिल्ली से रांची तक सस्पेंस

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नई दिल्ली। झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सियासी दांव से दिल्ली से रांची तक सस्पेंस हाई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से नाराज चंपई का अगला कदम क्या होगा, इस पर तमाम तरह की अटकलें हैं. सोमवार को चंपई सोरेन दिल्ली में पहुंच गए. इससे सस्पेंस और गहरा गया. झारखंड से दूसरे नेता भी दिल्ली पहुंचे हैं. इनमें बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा, आजसू अध्‍यक्ष सुदेश महतो शामिल हैं. सुदेश महतो शाम 5 बजे गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. प्रदेश की इस सियासी उठापठक में गौर करने वाली बात यह है कि सीन से झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी गायब हैं. सियासी गलियारों में चर्चा इसकी भी खूब है.

झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं

असम के मुख्यमंत्री और भाजपा झारखंड प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “चंपई सोरेन के सामने 3 रास्ते हैं, वो अभी दिल्ली में हैं, उनके साथ बातचीत का रास्ता खुला है आगे जाकर क्या होता है देखते हैं. अगर सितंबर के पहले वे (हेमंत सोरेन) 5 लाख नौकरी देते हैं, तो हम उनके साथ हैं. अगर घुसपैठियों के खिलाफ वो खड़े होते हैं तो हम उनके साथ हैं. अगर मुहर्रम के समय हिंदुओं के साथ होने वाले व्यवहार के खिलाफ अगर वे खड़े हैं, तो हम उनके साथ हैं. हमारे लिए राष्ट्र प्रथम है. JMM हमारा समर्थन करे, हम भी JMM का समर्थन करते हैं. हमें घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकालना है.” हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “मैं चाहता हूं कि चंपई सोरेन भाजपा में आएं और हमें ताकत दें, लेकिन वो बड़े नेता हैं, उनके बारे में टिप्पणी करना मुझे ठीक नहीं लगता. मैं तो चाहता हूं कि हेमंत सोरेन भी भाजपा में आएं. भाजपा का मतलब है राष्ट्रभक्ति. झारखंड में घुसपैठियों को रोकने के लिए हम हेमंत सोरेन जी से बात करने के लिए भी तैयार हैं. हमें झारखंड को बचाना है

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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