उत्तर प्रदेश
बांदा में बीजेपी नेता श्वेता सिंह गौर की संदिग्ध मौत, पंखे से लटका मिला शव
यूपी का बांदा जिला। यहां की बीजेपी नेता और जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 27 अप्रैल को उनका शव उनके घर पर मिला। पुलिस को सुसाइड की आशंका है। इस बीच श्वेता सिंह गौर का फेसबुक पोस्ट भी वायरल है। पोस्ट में उन्होंने खुद को घायल शेरनी और अपमानित स्त्री बताया था।
यूपी के बांदा में रिटायर्ड आईपीएस की बहू और भाजपा की जिला पंचायत सदस्य ने पंखे से लटककर ख़ुदकुशी कर ली। घटना के पीछे की वजह पति-पत्नी के बीच विवाद और आपसी मनमुटाव को बताया जा रहा है। श्वेता सिंह के पति दीपक सिंह गौर भी बीजेपी नेता है। फिलहाल वो फरार चल रहे हैं और उनका फोन भी बंद आ रहा है। बांदा के SP अभिनंदन ने मीडिया को बताया कि पुलिस दीपक सिंह की तलाश कर रही है। उन्होंने सुसाइड की आशंका जताई है।
पुलिस के मुताबिक, श्वेता और उनके पति दीपक का लंबे वक्त से विवाद चल रहा था। दोनों के बीच 26 अप्रैल को भी झगड़ा हुआ था। पुलिस का कहना है कि झगड़े के बाद श्वेता ने सुसाइड किया है। पुलिस का कहना है कि वो डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम की मदद से मामले की जांच कर रहे हैं।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मौत से 20 घंटे पहले ही भाजपा नेत्री ने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए इशारों-इशारों में अपने दिमाग में चल रही चीजें बयान कर दी थीं, जिसे पढ़कर अब लोग हैरानी जता रहे हैं। बता दें कि भाजपा नेत्री श्वेता सिंह गौर बांदा के जसपुरा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य हैं और पूर्व आईपीएस राजबहादुर सिंह की बहू हैं, जिनके आवास पर दोनों बेटे-बहू रहते थे। अक्सर सोशल मीडिया में खूब सक्रिय रहने वाली श्वेता ने अपनी मौत की भविष्यवाणी पहले ही फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए कर दी थी।
आत्महत्या से पहले श्वेता ने कल फेसबुक पर एक पोस्ट में भी किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘घायल नागिन और शेरनी, अपमानित महिला से डरना चाहिए।’ वहीं घटना के बाद से पति मौके से फरार है। पुलिस ने उनके फ़ोन को भी अपने क़ब्ज़े में ले लिया है।
लोग जता रहे हत्या की आशंका
पुलिस इस घटना की सुसाइड के ऐंगल से जांच कर रही है। हालांकि, लोग हत्या की आशंका जता रहे हैं। इसकी एक वजह है श्वेता का फेसबुक प्रोफाइल। उनके अकाउंट से एक और पोस्ट किया गया है। ये सुविचार वाला पोस्ट है। इसमें लिखा है, ‘जीवन बांसुरी की तरह है, इसमें बाधा रूपी जितने भी छेद क्यों न हो, जिसे उसे बजाना आ गया, उसे जीवन जीना भी आ गया।’ इस पोस्ट पर कई कमेंट्स हैं जिनमें कहा जा रहा है कि ऐसा पॉज़िटिव पोस्ट करने के बाद सुसाइड की घटना थोड़ी अजीब लग रही है। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और फरार पति की तलाश की जा रही है। साथ ही शव को भी पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश
कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया
कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर
अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
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