खेल-कूद
खत्म हुई टीम इंडिया की 12 साल की बादशाहत, न्यूजीलैंड ने भारतीय सरजमीं पर जीती टेस्ट सीरीज
पुणे। भारतीय क्रिकेट टीम को पुणे में खेले खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में न्यूजीलैंड के हाथों 113 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा है । इसी के साथ भारत ने 3 मैचों की ये सीरीज भी गंवा दी है। न्यूजीलैंड ने पहले और दूसरे टेस्ट में जीत के बाद 2-0 की अजेय बढ़त हासिल की है।
पहली इनिंग में फ्लॉप होने के बाद दूसरी पारी में भी भारतीय बैटर्स का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और पूरी टीम सिर्फ 245 रन बनाकर ढेर हो गई। रोहित शर्मा सिर्फ 8 रन बनाकर आउट हुए, तो विराट कोहली के बल्ले से महज 17 रन निकले।
वॉशिंगटन सुंदर ने 21 रन का योगदान दिया। वहीं, ऋषभ पंत अपना खाता तक नहीं खोल सके। रविंद्र जडेजा ने 42 रन जरूर बनाए, लेकिन वह टीम की हार को नहीं टाल सके। न्यूजीलैंड की ओर से मिचेल सैंटनर ने दूसरा पारी में भी कहर बरपाते हुए छह भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। इस जीत के साथ ही कीवी टीम ने सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है।
न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज से पहले भारतीय टीम ने अपनी सरजमीं पर 19 टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसमें से टीम को 18 में जीत मिली थी, जबकि सिर्फ एक सीरीज ड्रॉ रही थी। हालांकि, घर में टीम इंडिया की बादशाहत अब खत्म हो गई है। पिछले 12 साल में भारतीय टीम को पहली बार अपने सरजमीं पर किसी टीम के हाथों टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है। साल 2012 में इंग्लैंड ने आखिरी बार भारत को घर में पटखनी दी थी।
खेल-कूद
पूर्व भारतीय कोच कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ आज मना रहे हैं अपना 51वां जन्मदिन
मुंबई। पूर्व भारतीय कोच, कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ का आज 51वां जन्म दिन हैं। 11 जनवरी 1973 को इंदौर में जन्मे राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट के मैदान पर ढेरों रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। इनमें कुछ रिकॉर्ड ऐसे भी हैं, जिन्हें तोड़ पाना आसान नहीं है। टेस्ट क्रिकेट में जब द्रविड़ मैदान पर बल्ला लेकर उतरते थे तो दुनिया का हर गेंदबाज कांप जाता था।
टेस्ट क्रिकेट में द्रविड़ लंबी पारियों के लिए जाने जाते थे। वे 10 -10 घाटे क्रीज़ पर टिके रहते थे और गेंदबाजों की हालत खस्ता कर देते थे। उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा गेंदें खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है। द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 31258 गेंदों का सामना किया है। इस दौरान उन्होंने कुल 736 घंटे क्रीज पर समय बिताया। शायद यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार स्टीव वॉ ने एक बार अपनी टीम से कहा था कि ’15 मिनट में द्रविड़ का विकेट लेना है और अगर ऐसा नहीं कर पाए तो बाकी 10 खिलाड़ियों को आउट करने के बारे में सोचना।’
वॉ का यह बयान बताता है कि द्रविड़ को आउट करना कितना मुश्किल था। राहुल की बल्लेबाजी के बारे में पाकिस्तान के दिग्गज तेज शोएब अख्तर ने कहा था, ‘द्रविड़ को गेंदबाजी करना सचिन से ज्यादा मुश्किल था। राहुल के डिफेंस को भेदना आसान नहीं था, इसीलिए उन्हें द वॉल कहा गया।’ अख्तर ने यह तक कहा था कि द्रविड़ नेट्स में भी आउट नहीं होते थे।’
द्रविड़ ने 17 साल की उम्र में कर्नाटक के लिए खेलना शुरू किया। राहुल ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में अपना टेस्ट डेब्यू किया। इस मैच में वे शतक से चूक गए थे और 95 पर आउट हुए थे। लॉर्ड्स में शतक बनाना द्रविड़ के लिए एक बड़े सपने जैसा था। जो उनके करियर के अंत में पूरा हुआ जब द्रविड़ ने अपने आखिरी इंग्लैंड दौरे पर इस मैदान पर शतक जड़ा।
द्रविड़ अपने क्रिकेट करियर में कभी गोल्डन डक पर आउट नहीं हुए। उन्होंने 164 टेस्ट मैचों में स्लिप में 210 कैच लपके जो एक रिकॉर्ड है। राहुल ने अपने करियर का एकमात्र टी20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ साल 2011 में खेला था। इसमें उन्होंने 31 रन बनाए थे और लगातार तीन छक्के भी जड़े थे।
राहुल द्रविड़ ने अपने करियर में कुल 164 टेस्ट मैचों की 286 पारियों में 52.31 के शानदार औसत से 13288 रन बनाए। इस दौरान दिग्गज बल्लेबाज ने 36 शतक और 63 अर्धशतक ठोके। वहीं वनडे क्रिकेट में द्रविड़ ने 344 मैचों की 318 पारियों में 39.17 की औसत से 10889 रन बनाए। वनडे में द्रविड़ ने 12 शतक और 83 अर्धशतक जड़े। द्रविड़ वनडे और टेस्ट में 10 हज़ार से ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे भारतीय हैं।
उनसे पहले यह कारनामा सचिन तेंदुलकर ने किया था।
साल 2021 में राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया, जिसमें टीम इंडिया का प्रदर्शन काफी शानदार देखने को मिला। विदेशी सरजमीं पर भी टेस्ट सीरीज में भारत ने इस दौरान काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। द्रविड़ की कोचिंग में क्रिकेट के इतिहास में पहली बार भारत तीनों फॉर्मेट में नंबर 1 रैंक पर आया। साल 2023 में भारत में खेले गए वर्ल्ड कप में भले ही भारतीय टीम को फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा लेकिन पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया का एकतरफा प्रदर्शन देखने को मिला था।
लेकिन द्रविड़ यहीं नहीं रुके अंत में जाते -जाते वे 2024 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीत ही गए और भारत ने 13 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म किया। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में वे राजस्थान रॉयल्स (RR) के कप्तान और कोच रेह चुके हैं। टीम इंडिया का कोच बनाने के बाद द्रविड़ को आईपीएल से दूर रहना पड़ा था। लेकिन अब द्रविड़ आईपीएल 2025 में एकबार फिर से राजस्थान रॉयल्स टीम के लिए हेड कोच की भूमिका में दिखाई देंगे।
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