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उत्तर प्रदेश

श्रद्धालुओं के मन को लुभा रहे पांडालों के आकर्षक प्रवेश द्वार

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महाकुम्भ नगर। महाकुंभ में अखाड़ा क्षेत्र की शोभा इस समय देखते ही बन रही है। अखाड़े, खाक चौक, दंडीवाडा, आचार्यवाड़ा और प्रयागवाल समेत सभी संस्थाओं के शिविर बनकर तैयार हो गए हैं। हर बार की तरह है इस बार भी शिविरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षण पंडालों के एंट्री गेट बटोर रहे हैं। मेला क्षेत्र में इस बार कई अनूठे और थीम पर आधारित एंट्री गेट बनाए गए हैं। यह एंट्री गेट न सिर्फ देखने में सुंदर हैं, बल्कि यह संस्था की पहचान और उस तक श्रद्धालुओं के पहुंचने का भी माध्यम बन रहे हैं।

अलग अलग थीम पर बने प्रवेश द्वार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस बार महाकुम्भ को पहले से भी ज्यादा दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को अखाड़ा क्षेत्र में साकार होते देखा जा सकता है। यहां विभिन्न अखाड़ों और संस्थाओं ने अपने शिविरों को तो आध्यात्मिक रूप से संवारा ही है, साथ ही अपने प्रवेश द्वार को भी अलग ही रंगत दी है। झूंसी की तरफ बने इन शिविरों के प्रवेश द्वार अलग अलग दें पर बनाए गए हैं। इनमें कहीं एयरोप्लेन स्टाइल में प्रवेश द्वार बनाए गए हैं तो कहीं शिवलिंग तो कहीं मुकुट को प्रदर्शित करते द्वार शिविर की शोभा बढ़ा रहे हैं।

प्रवेश द्वार बन रहे आइडेंटिटी

खास बात ये है कि इन शिविरों को बनाने वाले कारीगर पूरे भारत से आए हैं, जिनमें कोलकाता, वाराणसी और दक्षिण भारत के कलाकारों की संख्या उल्लेखनीय है। प्रवेश द्वार बनाने वाले कलाकारों की मानें तो इन प्रवेश द्वारों को तैयार करने में 10 से 15 दिन का समय लगा है, जबकि इनकी लगता लाखों रुपए है। ये प्रवेश द्वार शिविरों की आइडेंटिटी का भी कार्य कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को शिविर किस सेक्टर में है ये बताने के साथ ही पहचान के लिए प्रवेश द्वार की छवि भी बताई जा रही है। इसके माध्यम से श्रद्धालु सहज ही शिविरों तक पहुंचने में सक्षम हो रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।

शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।

वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।

घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।

गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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