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उत्तर प्रदेश

हर नागरिक की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है सरकार, वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील जिले अलर्ट पर रहें: मुख्यमंत्री

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मानव और वन्य जीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील जनपदों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार हर नागरिक के जीवन की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे जिले जो कि वन्य जीवों की दृष्टि से संवेदनशील हैं वहां सुरक्षा के सभी इंतज़ाम किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे जिलों में प्रशिक्षित टीम की गश्त बढ़ाई जाए। जहां आवश्यकता हो, अतिरिक्त मैनपॉवर लगाएं साथ ही, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए।

सोमवार शाम मुख्यमंत्री ने बहराइच, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, मुरादाबाद, हापुड़, सीतापुर, गोंडा, मेरठ, बिजनौर और बरेली के जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों तथा वन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक कर हाल के दिनों में घटित तेंदुआ व भेड़िया के हमलों से उपजी स्थितियों की समीक्षा की। बैठक में वन मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह, अपर मुख्य सचिव वन, सभी एडीजी ज़ोन, मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों की सहभागिता भी रही।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले किए जाने की घटना देखने को मिली है। इससे जनहानि भी हुई है। इस स्थिति को यथाशीघ्र नियंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वन्य जीवों को हर हाल में नियंत्रित करने, पकड़ने का प्रयास किया जाए। इसके लिए तकनीकी सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिये कि हर जिले की पृथक स्थिति को देखते हुए राहत एवं बचाव की अलग-अलग कार्ययोजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने बिजनौर और मुरादाबाद दौरे से लौटे वन मंत्री से स्थिति की जानकारी ली और मंगलवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का दौरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीवों के हमले की स्थिति में बचाव के लिए प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता पैदा किया जाए। लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में बताएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग के अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती करते हुए उन्हें बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, बिजनौर सहित अन्य जिलों में लगाया जाए। उन्होंने ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाए जाने पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी जिलों में कैंप करें। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था भी की जाए।

जनजागरूकता को महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसमें मीडिया का सहयोग लेने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं ऐसी घटना हो तो मीडिया को अधिकारियों द्वारा तथ्यपरक जानकारी दी जाए। जनप्रतिनिधियों को भी तथ्यों की सही और समय पर जानकारी दें, कहीं भी अफवाह न फैलने पाए।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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