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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में प्रवाहित हुई समता, सहजता और सेवा की त्रिवेणी, पंचायती अखाड़ा निर्मल का छावनी क्षेत्र में हुआ भव्य प्रवेश

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महाकुम्भ । महाकुम्भ में आस्था और अध्यात्म की नगरी सज संवर चुकी है। महाकुम्भ क्षेत्र में शैव, वैष्णव और उदासीन के बाद सिखों के निर्मल अखाड़े का छावनी प्रवेश हुआ, जिसमें हजारों संतों ने हिस्सा लिया।

छावनी प्रवेश में प्रवाहित हुई वेद, वेदांग और ग्रन्थ साहिब की वाणी की त्रिवेणी

श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी प्रवेश यात्रा में वेद, वेदांग और गुरुवाणी तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला। छावनी प्रवेश यात्रा में रथ, बग्घी और घोड़ों पर सवार साधु संतों का समूह कीडगंज स्थित अखाड़े के मुख्यालय से निकला। प्रवेश यात्रा में आगे आगे गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी चल रही थी जिसके ठीक पीछे हाथों में तलवार लिए पंच प्यारे चल रहे थे। अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने बताया कि इस प्रवेश यात्रा में एक हजार से अधिक साधु संत शामिल हैं जिसमें अधिकतर संत सिक्ख समुदाय से आते हैं। संतो के पीछे-पीछे महिलाएं गुरुवाणी का पाठ और शबद कीर्तन करते हुए चल रहीं थी। छावनी प्रवेश में मां काली के रौद्र रूप को प्रदर्शित करने वाली झांकी भी कौतुहल का विषय बनी।

छावनी प्रवेश में दिखी दिव्य और भव्य महा कुम्भ की झलक

सनातन धर्म के संन्यासी और वैरागी अखाड़ों में जहां वैभव और प्रदर्शन की झलक मिलती है तो वहीं इनके मध्य श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल अपनी सहजता, समता और सेवा भाव के लिए अलग पहचान दर्ज कराता है। इस पंथ में इसके दस गुरुओं ने अपने शिष्यों को सेवा और भक्ति का जो संदेश दिया वह भी निर्मल अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में दिखा। यात्रा में जहां एक तरह गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी चल रही थी वहीं उसके ठीक पीछे पंच प्यारे हांथ में तलवार लेकर चल रहे थे । इन सबके आगे सिक्ख समुदाय के सैकड़ों सेवादार स सड़क को धुलते अरब झाड़ू लगा रहे थे। विभिन्न स्थानों पर इस छावनी प्रवेश यात्रा का स्थानीय लोगों ने पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया।

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उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क

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शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।

शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।

वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।

घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।

गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।

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