अन्तर्राष्ट्रीय
हमास के दरिंदों ने जिस महिला के नग्न शव को घुमाया वो निकली जर्मन नागरिक, बहन ने की पहचान
तेल अवीव। हमास के आतंकियों ने कल शनिवार को इजरायल पर हमला कर दिया। आतंकियों ने 26/11 के आतंकियों के स्टाइल में हमला किया। इजरायल की जमीन पर पहुंचते ही इन आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गाजा पट्टी के करीब आतंकियों ने एक महिला को भी मार डाला।
लेकिन इन आतंकियों को इसे मारने भर से ही सुकून नहीं मिला, बल्कि उन्होंने इसके शव को नग्न किया, हाथ पैर बांध कर गाड़ी पर बांध दिया। इसके बाद आतंकी फिलिस्तीनियों के बीच इसका शव घुमाने लगे। अब पता चला है कि यह इजरायल की नहीं बल्कि एक जर्मन नागरिक थी।
इजरायल की नफरत में अंधे इन आतंकियों ने सड़क पर मौजूद हर शख्स को गोलियों से भूनना शुरू कर दिया। शनिवार को जब महिला को मारने का वीडियो सामने आया था, तब ऐसी रिपोर्ट थीं कि यह इजरायली सेना की एक सैनिक है।
लेकिन अब इस लड़की की पहचान जर्मनी की रहने वाली शानी लौक (Shani Louk) के रूप में हुई है। 30 साल की शानी एक संगीत समारोह में थीं, जो शांति के लिए आयोजित किया गया था लेकिन अचानक से आतंकियों ने यहां तांडव मचाना शुरू कर दिया।
सैकड़ों की मौत
अब तक इस हमले में 480 लोगों के मारे जाने और 3200 लोगों के घायल होने की खबर है। शामी का शव ट्रक के पीछे फैला हुआ था। उसके चारों ओर आतंकी थे और उनके समर्थक धार्मिक नारे लगा रहे थे और उस पर थूक रहे थे।
हमास ने दावा किया था कि शव एक महिला इजरायली सैनिक थी लेकिन शानी की चचेरी बहन टोमासिना ने मारी गई लड़की के उसकी बहन होने की पुष्टि की। उसके पैर पर बने टैटू और बालों से टोमासिना ने पहचान की।
आतंकियों ने बोला हमला
टोमासिन ने कहा, ‘हमने कुछ नहीं सुना है। हम सबकुछ ठीक होने की उम्मीद कर रहे हैं। लेकिन यह शानी ही है। वह शांति से जुड़े एक संगीत समारोह में थीं। ये हमारे परिवार के लिए एक बुरा सपना है।’ एक बड़ी प्लानिंग के जरिए हमास के आतंकियों ने हमला बोला।
गाजा पट्टी से वह पैराग्लाइडिंग के जरिए इजरायल में घुस गए। उन्होंने यह हमला तब किया जब यहूदी लोग अपना त्योहार मना रहे थे। हमास के लोग घरों में घुसे और लोगों को मारा।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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