उत्तर प्रदेश
दीपोत्सव में इस बार 25 लाख से ज्यादा दीयों से जगमग होगी अयोध्या
लखनऊ/अयोध्या। योगी सरकार दीपावली के अवसर पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्यता के नए प्रतिमान स्थापित करने जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के स्थापित होने के बाद इस पहले दीपोत्सव में 7 मैकेनाइज्ड टैबल्यू, कोरियोग्राफ्ड एरियल ग्रीन फायरक्रैकर शो समेत विभिन्न प्रकार के आकर्षणों को शामिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान राम की पैड़ी समेत 51 घाटों पर कुल मिलाकर 21 लाख से ज्यादा दीए जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया था। वहीं, इस साल योगी सरकार 25 लाख दीयों से अयोध्या को जगमग करने की तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं, अयोध्या के अंदर 500 स्थानों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स के माध्यम से सजाया जाएगा तथा प्रभु श्रीराम से जुड़े 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशंस को भी स्थापित करने में वरीयता दी जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि सितंबर माह से दीपोत्सव के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की तैयारी शुरू हो जाएगी।
7000 से अधिक वॉलेंटियर्स की उपस्थिति में होगा दीपोत्सव
उत्तर प्रदेश सरकार 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 के मध्य भव्य “दीपोत्सव 2024” कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है। पर्यटन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी की घटनाओं के अनुक्रम के दृश्यों को फिर से बनाने के उद्देश्य से अयोध्या शहर को सुंदर बनाने, सरयू नदी के घाटों पर मिट्टी के दीये जलाने, नदी के तट को सजाने, कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन और अन्य उत्सव आयोजित करने की कार्ययोजना पर काम कर रही है। इसी क्रम में, पर्यटन विभाग द्वारा एक एजेंसी को नियुक्त किया जाएगा जो राम की पैड़ी अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर लगभग 25 लाख से अधिक) दीयों के रिकॉर्ड के लिए क्षेत्र का डिजाइन तैयार करना व मूल्यांकन प्रक्रिया को अंजाम देगी। साथ ही, अयोध्या के 1,100 धर्माचार्यों/स्थानीय प्रसिद्ध हस्तियों/लोगों की उपस्थिति में सरयू नदी पर सबसे बड़े आरती समारोह के रिकॉर्ड के लिए क्षेत्र का डिजाइन तैयार करेगी। इसके अलावा, साइट पर गिनीज रिकॉर्ड के निष्पादन के लिए प्रयास से दो दिन पहले स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करना, लगभग 7000 से अधिक वॉलेंटियर्स (अवध विश्वविद्यालय के छात्र) के साथ पूरे गिनीज विश्व रिकॉर्ड को निष्पादित करने की प्रक्रिया को पूर्ण करेगी।
कोरियोग्राफ्ड फायरक्रैकर शो समेत शोभायात्रा में टैबल्यू बनेंगे आकर्षण
दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन होगा जिसमें राम रथ समेत 7 बड़े मैकेनाइज्ड टैब्ल्यू को भी शोकेस किया जाएगा। यह सभी टैब्ल्यू प्रभु श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों से संबंधित होंगे और इनके निर्माण में ऑरोरो (बोलिविया), बासेल (स्विट्जरलैंड), साल्वाडोर (ब्राजील), बारांक्विला (कोलंबिया), डसेलडॉर्फ (जर्मनी) ग्रेनाडाइन्स से इंस्पायर्ड होंगे। वहीं, कोरियोग्राफ्ड ग्रीन एरियल फायरक्रैकर शो को 10 मिनट से ज्यादा अवधि के लिए संचालित किया जाएगा। वहीं, अयोध्या के 500 से ज्यादा प्रमुख स्थलों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स से सजाया जाएगा। इसके अतिरिक्त 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशंस की भी अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रम के दृष्टिगल स्थापना की जाएगी। यह प्रभु श्रीराम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों, रामायण के अन्य किरदारों, अयोध्या की ब्रांडिंग व दीपोत्सव कार्यक्रम से संबंधित होगी।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के अतरैला टोल प्लाजा पर एसटीएफ ने मारा छापा, 120 करोड़ रुपये के घोटाले का किया पर्दाफाश
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने NHAI के अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर देशभर में फैले टोल वसूली के नेटवर्क से 120 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है. लखनऊ एसटीएफ ने बीते मंगलवार को मिर्जापुर के लालगंज स्थित अतरैला टोल प्लाजा पर छापा मारकर टोल मैनेजर समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने आरोपियों के पास से 5 मोबाइल, दो लैपटॉप, प्रिंटर समेत 19 हजार रुपये भी किये बरामद किये हैं. एसटीएफ के इंस्पेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि एनएचएआई के दर्जनों टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
इस तरह NHAI को लगा रहे थे चूना
टोल टैक्स में हो रहे इस घोटाले में बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों के ज़रिए हो रहा था। पूरे देश मे ऐसी गाड़ियों से टोल पर दोगना टोल लिया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए बिना फास्ट टैग वाली गाड़ियों या फ़ास्ट टैग एकाउंट में कम पैसे वाली गाड़ियों से दोगना पैसा तो लिया जाता था। फर्ज़ी रसीद भी दी जाती थी, लेकिन ये पैसा कर्मचारी आपस मे बांट लेते थे।
ये NHAI के खाते में नहीं जमा होता था। टोल का 50 फीसदी पैसा NHAI के खाते में जमा होता है। रोजाना इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए इस अकेले टोल से 40 से 50 हज़ार रुपये की कमाई होती है। इस टोल पर पिछले दो साल से इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर करीब 120 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।
42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने का दावा
एसटीएफ के मुताबिक इस घोटाले का मुख्य आरोपी आलोक कुमार सिंह ने MCA किया हुआ है। आलोक ने एसटीएफ को बताया कि देश के करीब 200 टोल पर इस तरह का घपला हो रहा है और उसने खुद 42 टोल प्लाजा पर ये सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया है। अब एसटीएफ बाकी टोल प्लाजा में लगे इस सॉफ्टवेयर को पकड़ने की कोशिश कर रही है। फिलहाल एसटीएफ ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि जिन 42 टोल प्लाजा पर सॉफ्टवेयर इंस्टाल किए गए हैं वे किन जगहों पर हैं।
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