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TMC में ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के समर्थकों में छिड़ी जुबानी जंग, जानिए क्या है उम्र का विवाद

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mamata banerjee vs abhishek banerjee in party internal politics

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में नए और पुराने नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है। यह जुबानी जंग उम्र को लेकर हो रही है। दरअसल, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने हाल ही में पार्टी में नेताओं के चुनाव लड़ने की उम्रसीमा तय ना होने पर सवाल उठाए थे और कहा था कि कई पुराने नेता जब तक जीवित रहेंगे, तब तक पार्टी में बने रहेंगे। कुणाल घोष के इस बयान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि पार्टी में उम्र कोई बाधा नहीं हैं और वरिष्ठ नेताओं की भूमिका क्या होगी, इसका फैसला सिर्फ ममता बनर्जी करेंगी।

सौगत राय ने कही ये बात

सौगत रॉय ने कहा कि ‘कौन चुनाव लड़ेगा और किसकी क्या पद मिलेगा, इसका फैसला ममता बनर्जी करेंगी। वह हमारी सुप्रीम नेता हैं और पार्टी में सबसे बड़ी अथॉरिटी रहेंगी। अभिषेक बनर्जी एक चर्चित युवा नेता हैं लेकिन अभी भी ममता बनर्जी के नाम पर ही पार्टी को वोट मिलता है। सौगत राय ने कहा कि टीएमसी में 75 साल तक ही चुनाव लड़ने जैसा कोई नियम नहीं है।’

टीएमसी का हाल ही में नेताजी इंडोर स्टेडियम में सम्मेलन हुआ था। सम्मेलन के दौरान स्टेडियम के मुख्य द्वार पर अभिषेक बनर्जी की तस्वीर नदारद थी, जिसे लेकर भी खूब चर्चा हुई। इस मामले पर सौगत रॉय ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जहां ममता बनर्जी की तस्वीर हो, वहां सब जगह अभिषेक बनर्जी की भी फोटो हो। युवा नेताओं को पार्टी में मौके देने के सवाल पर सौगत रॉय ने कहा कि ‘ममता बनर्जी ने पार्टी में युवा नेताओं को काफी मौके दिए हैं और किसको क्या जिम्मेदारी देनी है, यह ममता बनर्जी ही तय करती हैं। हम सिर्फ उनके सैनिक हैं।’

क्या ये है विवाद की जड़?

इस विवाद से TMC के भीतर चल रही खींचतान का भी खुलासा हो गया है। बता दें कि इस विवाद को ममता बनर्जी के पार्टी पर अपना प्रभाव बनाए रखने और अभिषेक बनर्जी के ताकतवर नेता के तौर पर उभरने के तौर पर भी देखा जा रहा है। दरअसल TMC के वरिष्ठ नेताओं को ममता बनर्जी का समर्थक माना जाता है, वहीं पार्टी के युवा नेताओं पर अभिषेक बनर्जी का प्रभाव माना जाता है।

यही वजह है कि पुराने और नए नेताओं के बीच छिड़ी जुबानी जंग को बड़े बदलाव की आहट के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी के नेता ऐसी खबरों को सिरे से खारिज करते हैं और कहते हैं कि टीएमसी के लिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी, दोनों ही जरूरी हैं।

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बिहार के दंपति ने अपनी चार साल की बेटी को 40,000 रुपये में बेचा

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भुवनेश्वर। ओडिशा के भुवनेश्वर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बिहार के एक दंपति ने यहां अपनी चार साल की बेटी को 40,000 रुपये में बेच दिया। यह घटना भुवनेश्वर के सिसुपालगढ़ इलाके की है, जहां यह दंपति दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था। उन्होंने अपनी बेटी को पुरी जिले के पिपिली इलाके के एक दंपति को बेच दिया।

जानिए क्या थी पूरी घटना ?

एक चौंकाने वाली घटना में, ओडिशा के भुवनेश्वर में एक 4 वर्षीय लड़की को उसके माता-पिता द्वारा 40,000 रुपये में बेचे जाने के बाद बडागडा पुलिस ने बचाया। पुलिस के अनुसार, बिहार के रहने वाले आरोपी दंपत्ति और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी दंपत्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और उसने अपनी चार वर्षीय बच्ची को पिपिली में एक अन्य निःसंतान दंपत्ति को बेच दिया। बडागडा पुलिस स्टेशन प्रभारी तृप्ति रंजन नायक के अनुसार, दोनों बडागडा नीति सीमा के तहत दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे थे।

दंपति ने कबूला जुर्म

चाइल्डलाइन के निदेशक बेणुधर सेनापति ने जानकारी देते हुए कहा, “यह बच्ची बेची जाने वाली व्यक्ति की पहली पत्नी से है, जिसे उसने छोड़ दिया था। फिर उसने दूसरी शादी कर ली। दंपति ने अपना अपराध कबूल कर लिया है और यह कानूनी अपराध है।” पुलिस और चाइल्डलाइन अधिकारियों ने बच्ची को अपने संरक्षण में ले लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

 

 

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