उत्तर प्रदेश
अनियंत्रित कार ने खड़े ट्रक में मारी टक्कर, एक की मौत, पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौपा
पुराना रामपुर। थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच-33 में पुराना रामपुर के समीप जमशेदपुर से रांची की ओर आ रही कार ने पाइप लदे 407 ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी. दुर्घटना में कार में सवार प्रिंस कुमार का सिर, धड़ से अलग हो गया और उसकी मौत हो गयी. कार के परखच्चे उड़ गये हैं. वहीं अन्य लोगों को चोटें आयी हैं. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है. कार, लोहे लदे ट्रक के अंदर घुस गयी, जिससे एयर बैग खुलने के बाद भी युवक की मौत हो गयी.
श्राद्धकर्म में शामिल होने गया जा रहा था परिवार :
प्रिंस बिहार के गया के वजीरगंज का रहनेवाला था. वह जमशेदपुर में प्राइवेट कंपनी में काम करता था. जानकारी के अनुसार प्रिंस की दादी का निधन हो गया था. जिसके श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए परिजन कार जेएच 05डीटी3676 से वजीरगंज जाने के लिए शुक्रवार की रात 12 बजे जमशेदपुर से निकले थे. कार में चालक समेत दो महिला, दो पुरुष, एक बुजुर्ग बैठे थे. प्रिंस कार के आगे बायीं सीट पर बैठा था. तड़के तीन बजे पुराना रामपुर में चालक को झपकी आ गयी, जिससे कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े ट्रांसपोर्ट ट्रक जेएच 01एफएल5585 को पीछे से टक्कर मार दी. कार सवारों के चीखने-चिल्लाने ग्रामीण जागे और दुर्घटना की सूचना पुलिस को दी. वहीं कार व ट्रक चालक मौके से फरार हो गये. पुलिस ने कार में सवार सभी को बाहर निकाला. वहीं घायलों को अस्पताल ले जाया गया.
उत्तर प्रदेश
राजस्व वृद्धि पर दें ध्यान, नदी के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन बर्दाश्त नहींः मुख्यमंत्री
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2407.20 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें और वृद्धि की अपेक्षा है। इसकी बेहतरी के लिए विभागीय व जनपद स्तर के अधिकारी तेजी से प्रयास करें। राजस्व प्राप्ति के लिए जिलाधिकारी व जिला खनन अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सोनभद्र, बांदा, कौशांबी तथा महोबा में खनन के दृष्टिगत राजस्व वृद्धि की असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री जी ने कम राजस्व प्राप्त करने वाले जनपदों की समीक्षा करते हुए इनमें भी राजस्व बढ़ोतरी के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन, विभाग व जनपद स्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर शीघ्रता से निर्णय लेकर कार्रवाई बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व बढ़ाने के अन्य उपायों पर भी विचार करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नदी के कैचमेंट एरिया में किसी भी प्रकार के अवैध खनन की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तकनीक का उपयोग करते हुए इसे सख्ती से रोका जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि स्वीकृत खनन क्षेत्र के अंदर खनन कर रहे वाहनों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया जाए, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि खनन स्वीकृत क्षेत्र में ही हो रहा है या नहीं। इससे परिवहनकर्ता को भी सहूलियत होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्य राज्यों से प्रदेश में उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की वैधता की जांच के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश से एपीआई इंटीग्रेशन किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपदों में टास्क फोर्स अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर छापेमारी करते रहें। छापेमारी के दौरान विभागीय अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी सुनिश्चित हो। इसकी वीडियोग्राफी भी नियमित कराई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि विभाग के विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि विभागीय स्तर पर पेंडिंग मामलों का समय से निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया कि जून से अगस्त के मध्य ही वर्ष भर की कार्ययोजना तैयार की जाए। समय से कार्ययोजना तैयार करने से सरलतापूर्वक कार्य संपन्न होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने बैठक में उपस्थित परिवहन विभाग के अफसरों को निर्देश दिया कि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेजी से प्रयास करें। सड़कों के किनारे ओवरलोड वाहन कतई न खड़े किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कर अपवंचन तथा ओवरलोडिंग रोकने के लिए जनपदों में 55 चेक गेट्स स्थापित किए गए हैं। इन पर शीघ्र ही वे इन मोशन संयंत्र लगाए जाएं। ओवरलोडिंग हर हाल में जीरो पॉइंट पर ही रोका जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार के खनन मंत्रालय द्वारा स्टेट माइनिंग रेडिनेंश इंडेक्स तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में विभिन्न विभागों के समन्वय से आवश्यक सूचनाओं की समय से उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नदियों के किनारे मिट्टी-बालू तथा सिल्ट का प्रयोग ईंट बनाने में किया जाए। यह पर्यावरण को बचाने में कारगर होगा। उपजाऊ जमीन की मिट्टी का प्रयोग ईंट भट्ठों में न किया जाए।
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