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राजनीति

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की बढ़ाई गई सुरक्षा, अब मिलेगा Z कैटेगरी का कवर

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पटना। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चिराग पासवान को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। चिराग पासवान को पहले वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती थी। लेकिन अब चिराग पासवान को 30 से अधिक सीआरपीएफ के कमांडो सुरक्षा कवर प्रदान करेंगे।

देश में हो रही हालिया घटनाओं को देखते हुए चिराग की सुरक्षा बढ़ाई गई है। जेड कैटेगरी की सुरक्षा व्यवस्था 24 घंटे दी जाती है। बता दें कि गृह मंत्रालय समय-समय पर सुरक्षा स्थितियों का जायजा लेती रहती है। उसी समीक्षा के बाद चिराग की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है।

जेड कैटेगरी सुरक्षा में 22-24 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें ड्राइवर से लेकर सभी ट्रेंड होते हैं। इनमें सीआरपीएफ जवानों के अलावा एनएसजी कमांडो, एक एस्कॉर्ट गाड़ी, एक पायलट वाहन और पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। जिन भी लोगों को जान का खतरा होता है, उन्हें जेड सुरक्षा दी जाती है. यह सुरक्षा केंद्रीय मंत्री को पूरे देश में कहीं भी यात्रा के दौरान दी जाएगी।

जानें कितनी तरह की हैं सुरक्षा श्रेणियां

अभी भारत में प्रमुख रूप से चार सुरक्षा श्रेणियों में सुरक्षा कवर दिया जाता हैं। इनमें जेड प्लस नंबर एक पर है, जिनमे 36 सुरक्षाकर्मियों का घेरा होता है। वहीं जेड श्रेणी में 22 सुरक्षाकर्मियों का घेरा, वाई श्रेणी में 11 सुरक्षाकर्मियों का घेरा और एक्स श्रेणी में 2 सुरक्षाकर्मियों का घेरा होता है। इसके अलावा एक एसपीजी सिक्योरिटी होती है, जो सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को मिली है। एसपीजी एक अलग फोर्स की तरह है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री को कवर करती है। यह देश में सुरक्षा श्रेणियों का उच्चतम स्तर है। कुछ स्थितियों में पीएम के परिवार को भी इसी सुरक्षा घेरे में रखा जाता है।

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नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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