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प्रादेशिक

यूपीः बीजेपी का अगले पांच साल में माध्यमिक शिक्षा की तस्वीर बदलने का संकल्प, हर मण्डल में बनेगा एक विश्वविद्यालय

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लखनऊ। भाजपा ने माध्यमिक शिक्षा की तस्वीर अगले पांच साल में बदलने का संकल्प लिया है। माध्यमिक स्कूल भी प्राथमिक स्कूलों की तरह चमचमाएंगे। इन स्कूलों को स्वच्छता सुविधा और सुरक्षा की कसौटी पर कसा जाएगा। इसके लिए माध्यमिक विद्यालय नवीनीकरण मिशन की शुरुआत की जाएगी, जिसके तहत प्रदेश के 30,000 माध्यमिक विद्यालयों के बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण किया जाएगा। इसके तहत ऑडियो-वीडियो प्रोजेक्टर के साथ स्मार्ट क्लास रूम और पुस्तकालय का निर्माण होगा। कंप्यूटर लैब, साइंस लैब और आर्ट रूम के निर्माण के साथ वाई-फाई की भी व्यवस्था की जाएगी।

यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर मण्डल में कम से कम एक विश्वविद्यालय हो। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ विश्वविद्यालयों निर्माण होगा। अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में विश्वविद्यालय महाराजा सुहेलदेव, सहारनपुर में मां शाकुम्भरी देवी विश्वविद्यालय, लखनऊ में यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ पुलिस एंड फॉरेंसिक साइंस, अयोध्या में आयुर्वेद के लिए आयुष शैक्षणिक संस्थान, गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय, प्रयागराज में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद नेशनल लॉ विश्वविद्यालय और मेरठ में मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण पूरा होगा।

हायर एजुकेशन के लिए रेनोवेशन मिशन शुरू किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के कॉलेजों (आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक समेत) के बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण किया जाएगा। प्रत्येक महाविद्यालय में स्मार्ट क्लास रूम की व्यवस्था की जाएगी। लखनऊ एवं नोएडा में डिजिटल अध्ययन अकादमी की स्थापना की जाएगी।
वहीं ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत सभी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के अनुकूल फर्नीचर जैसे टेबल, बेंच आदि उपलब्ध कराए जाएंगे और स्मार्ट विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं सभी महापुरुषों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथाओं को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। 2,500 करोड़ की लागत के साथ विश्वकर्मा तकनीकी उन्नयन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसके अंतर्गत एक ब्लॉक में एक आई.टी.आई. की स्थापना की जाएगी।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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