उत्तर प्रदेश
कृषि, खनन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट और रियल इस्टेट में यूपी की लंबी छलांग
लखनऊ। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में मिशन मोड में जुटी योगी सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। खासकर कृषि, खनन, निर्माण, ट्रांसपोर्ट और रियल इस्टेट सेक्टर में यूपी में मजबूती दिखाई देने लगी है। इसमें भी ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज एवं कम्युनिकेशन सेक्टर में सर्वाधिक मजबूती देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जहां 22.84 लाख करोड़ रुपए से अधिक था, वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 यह बढ़कर 25.48 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। इन आंकड़ों ने योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के संकल्प को मजबूती दी है।
योगी सरकार में प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न सेक्टर्र को लेकर बनाई जा रही रणनीतियों का असर दिखने लगा है। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 और वित्तीय वर्ष 2023-24 के बीच सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कई सेक्टर्स में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इनमें कृषि, फॉरेस्ट्री और फिशिंग 52.97 लाख करोड़ से बढ़कर 59.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। वहीं खनन और उत्खनन सेक्टर में 22 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर करीब 30 हजार करोड़ हो गई है। इसी प्रकार कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 2.63 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2.79 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है। ऐसे ही ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज एवं कम्युनिकेशन सेक्टर में 1.81 लाख करोड़ से बढ़कर 1.98 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है।
बात करें रियल स्टेट और व्यावसायिक सेवाओं से संबंधित सेक्टर की तो यहां भी अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 3 लाख करोड़ रुपए थी जो 2023-24 में 3 लाख 29 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, ऊर्जा, ट्रेड, रिपेयरिंग, होटल एवं रेस्टुरेंट, फाइनेंशियल सेवा, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेश, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य सेक्टर में भी सरकार के प्रयासों का असर स्पष्ट दिखाई देने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को लेकर हुए तमाम प्रयासों का असर अब उद्योग-व्यापार की सुदृढ़ता में दिखाई देने लगा है। अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर, प्राइमरी, सेकेंड्री और टर्शियरी सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की गई है। प्राइमरी सेक्टर 2022-23 में जहां 5 लाख 51 हजार करोड़ का था, वह 2023-24 में 6 लाख 27 हजार करोड़ से अधिक का हो चुका है। वहीं सेकेंड्री सेक्टर भी 2022-23 में 5.58 लाख करोड़ से बढ़कर 6.17 लाख करोड़ रुपए से अधिक का हो गया है। इसी प्रकार टर्शियरी सेक्टर भी 10 लाख करोड़ से बढ़कर 10 लाख 79 हजार करोड़ से अधिक का हो गया है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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