अन्तर्राष्ट्रीय
महाविनाशक US युद्धपोत की तैनाती होते ही बदले सर्वोच्च ईरानी नेता के सुर, हमास से किया किनारा
तेहरान। इजरायल और हमास के युद्ध में लगातार धमकी दे रहे ईरान पर नकेल कसने के लिए अमेरिका ने महाविनाशक युद्धपोतों का पूरा बेड़ा ओमान की खाड़ी में तैनात कर दिया है। बताया जा रहा है कि दर्जनों फाइटर जेट से लैस यूएसएस आइजनहावर एयरक्राफ्ट कैरियर और कई अन्य युद्धपोतों के बेड़े को अमेरिका ने ईरान की सीमा से मात्र 300 किमी की दूरी में तैनात किया है।
इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने हमास को लेकर इजरायल और अमेरिका को चेतावनी दी थी लेकिन अमेरिकी युद्धपोतों को देख अब उनके सुर भी बदल गए हैं।
अमेरिका ने यह तैनाती ऐसे समय पर की है जब ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खमनेई ने हमास के आतंकी सरगना इस्माइल हानिया को 7 अक्टूबर के हमलों के लिए सख्त संदेश दिया है। अयातुल्ला ने हमास चीफ से कहा, ‘आपने हमें इजरायल पर 7 अक्टूबर के हमलों के लिए कोई चेतावनी नहीं दी और आपके नाम पर हमारा देश युद्ध में नहीं कूदने जा रहा है।’
ईरानी नेता ने कहा कि हालांकि ईरान हमास को अपना राजनीतिक और नैतिक समर्थन देता रहेगा लेकिन सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा। यही नहीं ईरानी नेता ने यह भी कहा कि हिज्बुल्ला को भी इस युद्ध में नहीं घसीटा जाए। इससे पहले एक अमेरिकी परमाणु सबमरीन भी खाड़ी देशों के करीब पहुंची थी।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु ऊर्जा से चलने वाला एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप 4 नवंबर को स्वेज नहर के रास्ते फारस की खाड़ी के लिए रवाना हुआ था। इस दौरान यह भूमध्य सागर में इजरायल के पास तैनात यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड स्ट्राइक ग्रुप के ट्रेनिंग में भी शामिल हुआ था। अब यह एयरक्राफ्ट कैरियर इस सप्ताह अरब सागर में पहुंच गया है।
अमेरिकी नौसेना ने इस एयरक्राफ्ट कैरियर की तस्वीर जारी है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ बड़ी संख्या में फाइटर जेट, दो मिसाइल डेस्ट्रायर, एक मिसाइल क्रूजर और एक अत्याधुनिक सबमरीन भी ईरान की सीमा के पास तैनात है।
ईरान की चौतरफा घेरेबंदी
ये सभी अमेरिकी युद्धपोत हजारों की तादाद में क्रूज मिसाइलों से लैस हैं। इनकी मदद से अमेरिका ईरान के पूर्वी और मध्य इलाके में कहीं भी हमला करने की ताकत रखता है। इसके अलावा अमेरिका के पास कई और एयरक्राफ्ट कैरियर और बमवर्षक विमान हैं जिन्हें उसने रणनीतिक रूप से अहम ईरान के पास तैनात किया है। बताया जा रहा है कि यूएसएस फोर्ड को अमेरिका ने साइप्रस के पास तैनात किया है। इसी तरह से यूएसएस बतान को लाल सागर और बी 1 बॉम्बर को तुर्की में तैनात किया गया है।
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देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी
सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।
25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी
बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।
रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध
अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।
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