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‘मैंने क्या अपराध किया, जो मंदिर नहीं जा सकता’, जानें असम में धरने पर क्यों बैठे राहुल गांधी

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नागांव (असम)। अयोध्या के भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आज राहुल गांधी के नागांव जिले में स्थित असमी संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जाने का कार्यक्रम था। हालांकि, इस कार्यक्रम के समय में बदलाव किया गया है।

क्या बोले राहुल गांधी?

राहुल गांधी ने मंदिर में एंट्री का समय बदले जाने पर प्रतिक्रिया दी है। दोपहर 3 बजे के बाद असम के तीर्थस्थल बताद्रवा थान जाने की अनुमति दिए जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि आज सिर्फ एक व्यक्ति मंदिर में जा सकता है।

मैंने क्या अपराध किया- राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हम मंदिर का दौरा करना चाहते हैं। मैंने क्या अपराध किया है कि मैं मंदिर नहीं जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे मंदिर नहीं जाने दिया जा रहा है, ये नहीं चाहते कि मैं मंदिर जाऊं। साफ है कि ऊपर से आदेश आया है।

असम के नागांव में स्थानीय मंदिर में जाने से एंट्री नहीं मिलने पर राहुल गांधी ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हम कोई समस्या पैदा नहीं करना चाहते, सिर्फ मंदिर में प्रार्थना करना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों की आलोचना की और पूछा कि क्या पीएम मोदी अब तय करेंगे कि मंदिर में कौन जाएगा।

जयराम रमेश ने लगाया आरोप

वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रशासन पर आरोप लगाया। जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी तीर्थस्थल बताद्रवा थान जाना चाहते थे, हम 11 जनवरी से कोशिश कर रहे थे और हमारे दो विधायक इसे लेकर प्रबंधन से भी मिले थे। कल अचानक हमें बताया गया कि हम दोपहर 3 बजे से पहले वहां नहीं आ सकते।

उन्होंने कहा कि हमने बताया था कि हम 22 जनवरी को सुबह 7 बजे वहां आएंगे। हमें बताया गया कि हमारा स्वागत किया जाएगा, लेकिन अचानक हमें बताया गया कि हम दोपहर 3 बजे से पहले वहां नहीं आ सकते। यह राज्य सरकार का दबाव है। हम वहां जाने की कोशिश करेंगे, लेकिन दोपहर 3 बजे के बाद वहां जाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि हमें अतिरिक्त दूरी तय करनी है।

धरने पर बैठे राहुल गांधी

स्थानीय मंदिर में जाने से रोके जाने के बाद राहुल गांधी अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ असम के नगांव में धरने पर बैठ गए हैं। अधिकारियों ने स्थानीय सांसद, विधायक को राहुल गांधी के बिना असम के नागांव में शंकरदेव सत्र मंदिर जाने की अनुमति दी।

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दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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