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नेशनल

जब गडकरी को मिला था पीएम बनने का ऑफर, आखिर कौन था वो विपक्ष का नेता

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नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के एक बड़े नेता उनसे संपर्क किया था और कहा था कि अगर आप प्रधानमंत्री बनेंगे तो हम आपको समर्थन करेंगे, लेकिन उनके इस प्रस्ताव को मैंने उसी वक्त अस्वीकार कर दिया था।

नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि उन्हें एक घटना याद है… मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। उस शख्स ने कहा कि ‘अगर आप पीएम बनने जा रहे हैं, तो हम आपका समर्थन करेंगे। हालांकि गडकरी ने यह घटना कब हुई थी, इसका जिक्र ​नहीं किया।

नागपुर में पत्रकारों को सम्मान देने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे नितिन गडकरी ने कहा,’किसी ने मुझे कहा कि अगर आप पीएम बनते हैं तो हम आपका समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, आप क्यो मेरा समर्थन करेंगे और मैं आपसे क्यों समर्थन लूंगा? पीएम बनना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है। मैं अपने मूल्यों और अपने संगठन के प्रति काफी वफादार हूं। मैं किसी पद से समझौता नहीं कर सकता हूं।

2024 और 2019 के लोकसभा चुनावों के वक्त नितिन गडकरी का नाम पीएम पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर लिया जा रहा था। उस साल फरवरी में आम चुनावों से पहले कई सर्वे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद गडकरी को पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी का उत्तराधिकारी माना जा रहा था।

2019 में जब इस तरह की चर्चाएं हो रही थीं तब गडकरी ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया था। 2019 में गडकरी का कहना था, “भारत के पीएम का पद नरेंद्र मोदी के सक्षम हाथों में है। हम सभी उनके (पीएम मोदी) पीछे हैं। मैं उनके विजन को साकार करने में एक और कार्यकर्ता हूं। मेरे पीएम बनने का सवाल ही नहीं उठता है? मैं पीएम बनने की दौड़ में बिल्कुल नहीं हूं। मैं इस तरह का सपना नहीं देखता हूं।

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नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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