Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

केजरीवाल के इस्तीफे के बाद कौन होगा दिल्ली का मुख्यमंत्री, सिसोदिया के लिए सीएम ने कहा ना

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आबकारी नीति ‘घोटाला’ मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के 2 दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं 2 दिन बाद दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा।’ केजरीवाल के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है और पूरे देश की नजर दिल्ली की सियासी गतिविधियों की ओर टिक गई है। लोग कयास लगा रहे थे कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मनीष सिसोदिया दिल्ली के सीएम हो सकते हैं। हालांकि केजरीवाल ने मंच से साफ़ कर दिया है कि सिसोदिया दिल्ली के सीएम नहीं बनेंगे।

केजरीवाल ने कहा कि मेरे इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी का कोई नेता सीएम बनेगा। अगले दो-तीन दिन के अंदर विधायक दल की बैठक होगी। उसमें सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा। मनीष सिसोदिया का भी कहना है वो दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे, जब दिल्ली की जनता कहेगी, सिसोदिया ईमानदार हैं। मेरा और मनीष सिसोदिया का फैसला आपके हाथ में है। हम जनता की अदालत में जा रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि मुझ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं और मैं अग्नि परीक्षा देने को तैयार हूं। अगले दो दिन बाद पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं तब तक सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना दे। मैं गली-गली, घर-घर जाऊंगा। कुछ महीने बाद दिल्ली विधानसभा के चुनाव हैं। आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार हैं तो मेरे पक्ष में वोट दें, अगर लगता है कि केजरीवाल गुनाहगार है तो मुझे वोट मत दें। अगर आप मुझे वोट देकर जिताएंगे और कहेंगे कि केजरीवाल ईमानदार है, तो चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा। उससे पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।

केजरीवाल ने कहा कि इनका फॉर्मूला है कि जहां-जहां चुनाव हारे, वहां-वहां के मुख्यमंत्रियों पर फर्जी केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लो और सरकार गिरा दो। इन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री, केरल के मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर भी केस कर रखे हैं। अगर मैं इस्तीफा दे देता, ये विपक्ष के एक भी मुख्यमंत्री को नहीं छोड़ते, फर्जी केस बनाकर जेल में डाल देते। सबकी सरकार गिरा देते।

केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने सरकार से पूछा है कि जेल के अंदर से सरकार क्यों नहीं चलती सकती? उन्होंने कहा कि जेल के अंदर से सरकार चल सकती है। मैं देश के सभी गैर भाजपाई मुख्यमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं कि अगर आपको केंद्र सरकार फर्जी केस करके जेल में डाले तो किसी हालत में इस्तीफा मत देना, जेल से सरकार चलाना। हमारे लिए पद जरूरी नहीं है, हमारे लिए संविधान और लोकतंत्र जरूरी है।

उन्होंने जिक्र किया कि भारी बहुमत से जीती सरकार, एक बार 70 में से 67 सीट आई और फिर 70 में से 62 सीटें आई। आप उठाकर जेल में बंद कर दोगे और कहोगे कि इस्तीफा दो। मैं सारे मुख्यमंत्रियों से आज हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं कि इनका यह नया फॉर्मूला भी आम आदमी पार्टी ने फेल कर दिया।

Continue Reading

नेशनल

पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

Continue Reading

Trending