प्रादेशिक
योगी सरकार ने टीबी मरीजों में कुपोषण को खत्म करने के लिए और तेज किए प्रयास
लखनऊ| योगी सरकार प्रदेश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए कुपोषित टीबी मरीजों को पाेषाहार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र की निक्षय पोषण योजना का लाभ देने के लिए योगी सरकार ने प्रयास तेज कर दिये हैं। टीबी के मरीजों को पोषित रखने के लिए निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत इस साल एक जनवरी से 17 सितंबर तक 2.78 लाख टीबी मरीजों को भुगतान किया जा चुका है। योगी सरकार की मंशा है कि सभी टीबी मरीजों को पोषित रखा जाए, इसके लिए निरंतर प्रयास चल रहे हैं। मालूम हो कि प्रदेश में इस वक्त कुल 4 लाख 16 हजार टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।
निक्षय पोषण योजना से टीबी ही नहीं कुपोषण को भी मात दे रहे मरीज
एसजीपीजीआई के पल्मोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. जिया हाशिम के मुताबिक पोषण यूं भी शरीर के लिए बहुत जरूरी है। टीबी मरीज के लिए और जरूरी हो जाता है क्योंकि वह पहले से बीमारी के कारण कमजोर होता है। टीबी की कई दवाएं खाने पर उसे सपोर्ट के लिए पोषक आहार की जरूरत होती है। योगी सरकार की मॉनिटरिंग से निक्षय पोषण योजना से टीबी के मरीजों को काफी मदद मिल रही है। वहीं टीबी संक्रमित मरीजों को दवा के साथ-साथ अच्छा खाना, कम्युनिटी सपोर्ट के साथ प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। यही वजह है कि वह टीबी से स्वस्थ होकर टीबी चैंपियन के रूप में योगी सरकार का सहयोग कर रहे हैं। एसजीपीजीआई की डायटिशियन प्रीति यादव का कहना है कि टीबी मरीजों को सिर्फ अपने रोग से मुकाबला नहीं करना होता है बल्कि कुपोषण की बाधा भी पार करनी होती है। लिहाजा टीबी में दवाइयों के साथ-साथ पौष्टिक आहार बेहद जरूरी है। कुपोषण से जूझ रहे लोगों में टीबी होने के आसार ज्यादा होते हैं और टीबी होने पर कुपोषण की आशंका बढ़ जाती है।
…तो इसलिए जरूरी है टीबी मरीज के लिए पौष्टिक आहार
वजीरगंज की अन्नो (40) अतिकुपोषित थीं, जिसके चलते टीबी के बैक्टीरिया ने उनके शरीर में आसानी से घर बना लिया और उन्हें अहसास भी नहीं हुआ। पता चलने पर इलाज शुरू हुआ, लेकिन कमजोर शरीर दवा की गर्मी झेलने में अपने को असमर्थ बताता था और कई बार घरवालों को भी उन्हें दवा खिलाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। उन्हाेंने निक्षय पोषण योजना का लाभ लिया, जिससे वह टीबी से पूरी तरह मुक्त हो गईं।
पोषित रहकर टीबी से आसानी से जीती जा सकती है जंग
सहादतगंज की रहने वाली इस्मत फातिमा (29) को जब टीबी हुई तो उनका पोषण स्तर ठीक था। लिहाजा उन्हें दवा सेवन में कोई दिक्कत नहीं हुई और छह माह दवा के सेवन के बाद पूर्ण स्वस्थ हो गईं। आज खुशहाल जीवन जी रही हैं और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं। उनका अनुभव है कि टीबी गंभीर बीमारी जरूर है लेकिन पोषित रहकर उससे बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता है।
लैंसेट की रिपोर्ट में बताया गया पोषण सहायता का महत्व
अन्नो और इस्मत के केस यह समझाने के लिए पर्याप्त हैं कि किसी भी टीबी रोगी के लिए उसकी टीबी मुक्ति की यात्रा में शारीरिक पोषण स्तर का कितना महत्व है। लैंसेट ने हाल ही में इस तथ्य को अपनी रिपोर्ट में प्रकाशित किया है। इस परीक्षण में टीबी की रोकथाम के लिए परिवार के सदस्यों को पोषण सहायता प्रदान करने के महत्व को रेखांकित किया है। 10 हजार से अधिक परिवारीजनों पर किए गए इस परीक्षण में पोषण संबंधी सहायता के माध्यम से फेफड़े की टीबी वाले रोगियों के परिवार के सदस्यों में सभी प्रकार की टीबी लगभग 40% कम हो गई और संक्रामक टीबी लगभग 50% कम हो गई। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि परीक्षण में शामिल लोगों में आधे कुपोषित थे।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के हाथरस से हत्या की सनसनीखेज वारदात, चचेरे भाई ने दो मासूम बहनों की गला रेतकर की हत्या
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस से हत्या की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। हाथरस कोतवाली सदर क्षेत्र के आशीर्वाद धाम कॉलोनी में रिश्ते के भतीजे ने अपने साथी के साथ मिलकर टीचर चाचा और उनके परिवार पर हमला किया। उसने टीचर चार की दो बेटियों का गला रेतकर हत्या कर दी। 7 वर्षीय मासूम और उसकी बहन की चचेरे भाई ने धारदार हथियार से हत्या कर दी। बचाव करने पहुंची चाची और बीमार चाचा पर भी युवक ने हमला किया।
खाना खाकर सभी लोग सो गए
दरअसल, छोटे लाल गौतम धाम कॉलोनी में रहते हैं। वो मीतई स्थित जवाहर स्मारक इंटर कॉलेज में प्रवक्ता के पद पर तैनात हैं। साल 2018 में छोटे लाल पैरालाइज्ड हो गए। उनके घर पर उनके रिश्ते का भतीजा विकास अक्सर आया जाया करता था। 22 जनवरी की रात करीब 9:00 बजे छोटे लाल गौतम का रिश्ते का भतीजा अपने एक साथी के साथ घर आया। खाना खाकर सभी लोग सो गए।
हल्ला करने पर आरोपी फरार हुए
आरोप है कि रात करीब 1:00 बजे रिश्ते के भतीजे विकास ने अपने साथी के साथ मिलकर छोटे लाल गौतम की दोनों बेटी की धारदार हथियार से गला रेतकर कर हत्या कर दी। इसके साथ ही छोटे लाल गौतम और उनकी पत्नी गौरी गौतम पर भी हमला बोल दिया। पत्नी के शोर करने पर विकास और उसका साथी फरार हो गया।
घटना की जानकारी होने पर एसपी हाथरस, एसएसपी और सीओ के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया और मृतक दोनों बहनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि इस मामले मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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