उत्तर प्रदेश
भारतीय भाषाओं और संस्कृति के माध्यम से बच्चों का भविष्य निर्माण कर रही योगी सरकार
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश भर के स्कूलों में भारतीय भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करने के साथ-साथ बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव मजबूत करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में 04 से 11 दिसंबर तक ‘भारतीय भाषा उत्सव 2024’ का आयोजन किया गया। सप्ताहभर चलने वाला यह आयोजन बच्चों को भारतीय भाषाओं की समृद्ध और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास रहा।
‘भाषाओं के माध्यम से एकता’ थीम पर आधारित यह उत्सव न केवल बच्चों को राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया, बल्कि उन्हें मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व का गहन एहसास भी कराया। यह थीम भारत की आत्मा और इसकी भाषाई विविधता के प्रतिबिंब के रूप में बच्चों के मनः स्थिति पर साकारात्मक प्रभाव भी डाला है। आयोजन के माध्यम से बच्चों में भाषाई कौशल, सांस्कृतिक जागरूकता और आत्मविश्वास जैसे गुण विकसित करने की पहल की गई। यह प्रयास उन्हें भारतीय भाषाओं की अनूठी धरोहर से जुड़ने और राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करता है। ‘भारतीय भाषा उत्सव 2024’ का आयोजन बच्चों में भाषाई और सांस्कृतिक समृद्धि के बीज बोने का महत्वपूर्ण कदम है।
बतातें चलें कि यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत बहुभाषिक शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। जिसमें मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं को शिक्षा का माध्यम बनाने पर बल देने के साथ साथ विद्यार्थियों में भाषाई कौशल विकसित करने और बहुभाषिकता के लाभों को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित था।
सात दिवसीय ‘भारतीय भाषा उत्सव’ में बच्चों को विभिन्न विषयों पर मिला ज्ञान
04 से 11 दिसंबर के बीच पूरे प्रदेश में मनाया गया ‘भारतीय भाषा उत्सव- 2024’ भारतीय भाषाओं के महत्व और उनकी विविधता को उजागर करने का प्रयास है। इस दौरान विभिन्न गतिविधियों, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पहले दिन बच्चों को ‘भाषा और प्रकृति में सौहार्द्रता’ विषय पर जानकारी दी गई। उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं में शब्द लिखकर ‘भाषा वृक्ष’ बनाया, प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ी कविताओं का प्रदर्शन किया और प्रकृति भ्रमण के दौरान अपनी मातृभाषा में चर्चाएं कीं, जबकि दूसरे दिन ‘भाषाओं और तकनीक का सम्मिलन: डिजिटल युग में शब्दों की शक्ति’ विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुए। इसके अलावा, ‘भाषा और साहित्य : सम्मिलन’, ‘भाषा मेला’, ‘अभिव्यक्ति की उत्कृष्टता’, और ‘भाषा और समुदाय’ तथा ‘भाषा, संस्कृति और हम: एक क्षेत्रीय उत्सव’ जैसी कार्यशालाओं व कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को भाषाई समृद्धि का अनुभव कराने और उनकी अभिव्यक्ति क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए कई सार्थक प्रयास किए जा चुके हैं।
भाषाओं के माध्यम से एकता का प्रतीक है ‘भारतीय भाषा उत्सव 2024’: संदीप सिंह
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा, “भारत अपनी भाषाई विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है। ‘भारतीय भाषा उत्सव 2024’ का उद्देश्य इसी धरोहर को संरक्षित करना और बच्चों को राष्ट्रीय एकता व सांस्कृतिक विविधता का महत्व समझाना है। यह आयोजन बच्चों में भाषाई प्रेम और सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करने में सफल रहा है।
उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।
शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।
वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।
गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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