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उत्तर प्रदेश

आत्मरक्षा’ प्रशिक्षण दिलाकर बालिकाओं को सशक्त बना रही योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति के अंतर्गत परिषदीय बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए चलाये जा रहे ‘वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण’ कार्यक्रम के तहत लाखों बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा कर उन्हें आत्मरक्षा के प्रति जागरुक किया गया है। सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि 32 लाख से अधिक बालिकाएं इस प्रशिक्षण के लिए पंजीकृत हैं।

बता दें कि योगी सरकार ने पिछले सत्र यानी 2023-24 में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण अनुश्रवण और मूल्यांकन में कुल 24 लाख 08 हजार 736 बालिकाओं को पंजीकृत किया था। जिसके माध्यम से 16 लाख से अधिक बालिकाओं को सशक्त बनाते हुए आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर किया जा चुका है। योगी सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर और समाज में अपनी सुरक्षा को लेकर सशक्त बनाना है। इस वर्ष नवरात्र में भी योगी सरकार ने इस पहल को जारी रखा और मिशन शक्ति के पांचवें चरण के अंतर्गत 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के मध्य 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने के लिए विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है।

इस बारे में भी दी गयी जानकारी

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि विभाग के माध्यम से इस सत्र में 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं और समुदाय के साथ बाल अधिकार, सुरक्षा-संरक्षा, घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, छेड़छाड़, सेफ-अनसेफ टच, हेल्प लाइन नंबर्स, बाल विवाह के नुकसान जैसी जानकारी साझा की गयी है। सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। हालांकि, अभी यह प्रयास जारी है और आगे भी चलता रहेगा। लक्ष्य है कि सभी बालिकाएं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेकर सशक्त बनें और आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ें।

इन तिथियों में इतनी बालिकाएं हुईं जागरूक और प्रशिक्षित

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक नवरात्र के पहले दिन यानी 03 अक्टूबर को 6 लाख 72 हजार 840 बालिकाओं को जागरूक/ प्रशिक्षित किया गया जबकि 04 अक्टूबर को जागरुक/प्रशिक्षित की जानें वाली बालिकाओं की संख्या 01 लाख 91 हजार 969 रही। ऐसे ही 05 अक्टूबर को 01 लाख 56 हजार 472, 06 अक्टूबर को 77 हजार 503, 07 अक्टूबर को 02 लाख 08 हजार 923, 08 अक्टूबर को 01 लाख 30 हजार 924, 09 अक्टूबर को 04 लाख 934 और 10 अक्टूबर को 01 लाख 10 हजार 652 बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा चुका है।

यह है उद्देश्य

– बालिकाओं को आत्मरक्षा में सक्षम व स्वयं के प्रति सशक्त बनाना।
– महिला एवं बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानूनों, प्रावधानों के बारे में बालिकाओं की समझ विकसित करना।
– महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु संचालित विभिन्न हेल्पलाइन की सेवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना।
– बालिकायें आत्मरक्षा की विधाओं को सीखने के उपरांत अन्य बालिकाओं को भी जागरूक करने में सक्षम हो सकें।
– बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम हेतु माहौल बनाना।
– असुरक्षा के कारण शिक्षा से वंचित होने वाली बालिका की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करना।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद

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महाकुम्भ नगर  से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।

आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल

संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।

महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी

यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।

डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ

इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।

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