उत्तर प्रदेश
स्वच्छ और डिजिटल महाकुंभ को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार महाकुंभ को स्वच्छ और डिजिटल महाकुंभ के रूप में प्रदर्शित करने पर खास फोकस कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शीर्ष समिति की 15वीं बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस महाकुंभ को डिजिटल और स्वच्छ महाकुंभ के तौर पर प्रदर्शित करने के लिए जो भी आवश्यक कदम हैं वो उठाए जाने चाहिए। पूरे शहर और कुंभ मेला क्षेत्र में डिजिटल साइनेज होने चाहिए। सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। प्रत्येक स्थान पर डस्टबिन हो, उसके साथ सफाई कर्मी और कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के बीच समन्वय होना चाहिए।
विपरीत परिस्थितियों के बावजूद तेजी से हो रहा काम
मुख्य सचिव ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण के सभागार में आयोजित बैठक में कहा कि महाकुंभ को लेकर जो तैयारियां चल रही हैं वो बहुत अच्छी हैं। विपरीत परिस्थितियों और बारिश के बावजूद भी काम पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। जितने भी विभाग यहां तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं, सभी अपने कार्यों को 30 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लेंगे। एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग को लेकर जो भी समस्याएं हैं, उसके विषय में भारत सरकार के साथ विमर्श किया जाएगा। उम्मीद है कि मेला की शुरुआत तक इस समस्या को हल कर लिया जाएगा। अधिक से अधिक फ्लाइट्स को ऑपरेट करने का प्रयास किया जा रहा है।
तकनीक के इस्तेमाल से सुनिश्चित हो साफ सफाई
उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में हमने कुंभ के आयोजन में कई रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। खासतौर पर स्वच्छ कुंभ को लेकर काफी काम किया गया है। पहले कुंभ शुरू होने और खत्म होने तक दुर्दशा होती थी, लेकिन अब इनोवेशन का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर स्थितियों में क्रांतिकारी बदलाव लाया गया है। इस महाकुंभ को भी स्वच्छता के दृष्टिकोण से अद्भुत बनाना है। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। तकनीक के इस्तेमाल से सफाई और उसकी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। सफाई की यही कार्ययोजना यूरिनल्स को लेकर भी बनाई जाए। वहां पानी रुकना नहीं चाहिए। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का निस्तारण सुनिश्चित होना चाहिए। जहां-जहां डस्टबिन लगाए जाने हैं उन्हें सफाई कर्मी के साथ और सफाई कर्मी का वेस्ट उठाने वाली गाड़ी के साथ समन्वयन होना चाहिए। क्लीनिंग के लिए खास टीम होनी चाहिए।
प्लास्टिक फ्री महाकुंभ को करें प्रोत्साहित
उन्होंने कहा कि कोई भी नाला खुला नहीं होना चाहिए। नाले का पानी नदी में नहीं जाना चाहिए। आवश्यकता हो तो स्पेशलाइज्ड टीमों को इसमें लगाया जाना चाहिए। नालों के साथ-साथ सॉलिड वेस्ट का निस्तारण प्राथमिकता में होना चाहिए। कोई भी डस्टबिन भरा हुआ नहीं होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि शहर में जहां-जहां कम्युनिटी टॉयलेट्स हैं, वहां लोग टेबल लगाकर न बैठें। साथ ही, एंट्रेंस एरिया खाली रहना चाहिए, ताकि किसी को असुविधा न हो। सफाई कर्मियों के खाने पीने की व्यवस्था जहां वो हों वहीं सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्लास्टिक फ्री महाकुंभ को प्रोत्साहित करें। दोना, पत्तल, जूट के थैले सब्सिडाइज्ड होने चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इसको इस्तेमाल करें। हाथ से दोना और पत्तल बनाने वालों को भी मेला क्षेत्र में स्टॉल दिलाए जाने की व्यवस्था की जाए। पेंट माई सिटी के तहत ओवरब्रिज और आरओबी पर बड़े आर्टिस्ट्स द्वारा पेंटिंग्स को लगाया जाना चाहिए।
सभी से अलग-अलग मिलकर आगे बढ़े अलॉटमेंट की प्रक्रिया
मुख्य सचिव ने कहा कि लैंड अलॉटमेंट में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने मेलाधिकारी को निर्देश दिया कि एक-एक कर लोगों से बात करें और कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में लग रहे टेंट सिटी पर उन्होंने कहा कि टेंट्स में दिया जाने वाला सामान नया होना चाहिए। कोई भी पुराना सामान न दिया जाए, ये सुनिश्चित किया जाएगा। डिजिटल कुंभ को लेकर उन्होंने कहा कि डिजिटल कुंभ को प्रत्येक विभाग द्वारा प्रोत्साहित किया जाए। अधिकतर लोग एप का इस्तेमाल नहीं करते, उनके लिए डिजिटल साइनेज और मल्टीलिंग्वल साइनेज लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कहीं किसी भी चीज की कमी हो तो उसे तुरंत रिजॉल्व किया जाए। उन्होंने कहा कि शहर में चल रहे हॉर्टीकल्चर का काम तेजी से पूरा कराया जाए। सड़क बनने के बाद राइडिंग क्वालिटी बेहतर होनी चाहिए। इसकी थर्ड पार्टी से जांच भी कराई जाए। जिन सड़कों पर काम हो रहा है, वहां सीवेज का काम दुरुस्त कराया जाए।
10 प्रस्तावों को मिली सैद्धांतिक मंजूरी
मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने मुख्य सचिव के समक्ष अनुमोदन के लिए 10 प्रस्ताव भी रखे, जिन्हें सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। इसमें लोक निर्माण विभाग और सीएंडडीएस के दो-दो और नगर निगम, मेला प्राधिकरण, पर्यटन विभाग, जल निगम नगरीय, सूचना विभाग और राज्य सड़क परिवहन विभाग का एक-एक प्रस्ताव शामिल रहा। इसमें प्रयागराज मेला प्राधिकरण द्वारा जनवरी में कराए जाने वाले कुंभ कॉनक्लेव के लिए 2.35 करोड़ रुपए, पर्यटन विभाग द्वारा परेड ग्राउंड में 55 प्रीमियम टेंट लगाने के लिए 3.51 करोड़, दारागंज बक्सी बांध तिराहा से दशाश्वमेध घाट तक मार्ग प्रकाश व्यवस्था के लिए 1.83 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त पेंट माइ सिटी में बचत की धनराशि से 5 लाख स्क्वायर फीट कार्य कराने, लोक निर्माण विभाग द्वारा अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद सर्किट हाउस में फर्नीचर एवं फर्निशिंग के लिए 3.92 करोड़, उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा झूंसी में छतनाग रोड से 16 एमएलडी एवं 50 केएलडी एफएसटीपी (को-ट्रीटमेंट प्लांट) तक सीमेंट्र कंक्रीट रोड के निर्माण हेतु 2.41 करोड़, सूचना विभाग द्वारा महाकुंभ में डिजिटल साइनेज लगाने के लिए 10 करोड़, सीएंडडीएस द्वारा बक्शी बांध वेंडिंग जोन में सीसी रोड विकास के लिए 3.24 करोड़, लोक निर्माण विभाग द्वारा आईसीसीसी के रेनोवेशन के लिए 50 लाख और यूपीएसआरटीसी द्वारा अस्थाई बस स्टेशनों के निर्माण के लिए 1.14 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि आवंटन को सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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