उत्तर प्रदेश
जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार
लखनऊ| जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में त्वरित न्याय और सहायता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं की लंबित क्षतिपूर्ति को जल्द निस्तारित करने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय राज्य की ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना’ के तहत लिया गया, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। महिला कल्याण विभाग के तहत संचालित इस योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।
प्रदेश में 9 जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए संचालित यह योजना प्रभावी तरीके काम कर रही है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि जघन्य अपराधों के कई मामलों में सहायता प्रक्रिया लंबित है। जिसमें 701 प्रकरण पुलिस नोडल अधिकारी स्तर पर लंबित हैं वहीं 7583 प्रकरण नोडल चिकित्साधिकारी स्तर पर और 8893 प्रकरण जिला संचालन समिति स्तर पर लंबित हैं। योगी सरकार द्वारा इन सभी 17177 लंबित प्रकरणों को इस महीने के अंत तक निस्तारित कर पीड़िताओं को राहत देने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के बाद अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समिति इन प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएगी।
पीड़ित महिलाओं पुनर्वास में वरदान साबित हो रही है योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण योजनाओं में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के माध्यम से जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं को 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि पीड़ित महिलाओं के इलाज, पुनर्वास, बच्चों की शिक्षा, और जीवन यापन में मदद करती है।
सीएम योगी ने इस योजना में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने योजना के लिए न सिर्फ बजट आवंटन बढ़ाया है, बल्कि आम नागरिकों को भी इस कोष में योगदान करने के लिए प्रेरित किया है। कोष में योगदान करने वालों को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत कर में छूट दी जाती है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए आयाम स्थापित कर रही योगी सरकार
योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों, जैसे एसिड अटैक, बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार किया है। इसमें हिंसा की शिकार महिलाओं की तत्काल आर्थिक सहायता की जाती है, साथ ही उनके इलाज और पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। हिंसा की शिकार महिलाओं के बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की व्यवस्था भी सरकार इस कोष के माध्यम से करती है साथ ही पीड़ित महिलाओं को समाज में दोबारा सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रदेश सरकार महिला कल्याण के प्रयासों से हिंसा पीड़ित हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिली है, बल्कि वे सामाजिक और मानसिक तौर पर भी सशक्त हो रही हैं। एसिड अटैक पीड़िताओं और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को अब समाज में एक नई पहचान मिल रही है।
सीधे पीड़ित महिलाओं के खाते में पहुंचती है क्षतिपूर्ति राशि
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित प्रकरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली संचालन समिति द्वारा अनुमोदित किए जाते हैं। इसके बाद धनराशि सीधे पीड़िता के खाते में भेजी जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित है, ताकि पीड़िता को समय पर सहायता मिल सके। महिला सम्मान कोष का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं को मुख्यधारा में वापस लाकर समाज के सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।
उत्तर प्रदेश
शाहजहांपुर: चाइनीज मांझे से सिपाही की गर्दन कटी, बीच रोड पर तड़प-तड़पकर हुई मौत, खून से लाल हो गई सड़क
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां ड्यूटी पर जा रहे सिपाही की गर्दन पतंग के चाइनीज मांझे से कट गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक सिपाही का नाम शाहरुख हसन है।
शाहरुख़ अपनी बाइक से विभागीय काम से जा रहे थे। इसी दौरान उनके गले में मांझा फंस गया और वह नीचे गिर गए। आनन-फानन में स्थानीय लोग उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद सिपाही को मृत घोषित कर दिया। मृतक सिपाही अभियोजन कार्यालय में तैनात थे और वह विभागीय काम से अजीजगंज स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज जा रहे थे। इसी दौरान गर्रा नदी पुल पर उनके गले में चाईनीज मांझे की डोर अटक गई। शाहरुख ने मांझे को बहुत हटाने की कोशिश की, लेकिन वह हटने की जगह और ज्यादा गले में धंसता चला गया।
वहां मौजूद एक चश्मदीद राकेश का कहना है कि वह दुकान पर बाहर की तरफ खड़ा था. तभी गर्रा पुल से ढलान की ओर रोड क्रॉस करते हुए सिपाही आ रहे थे तभी उसकी गर्दन मांझे में फंस गई जबकि मांजा एक बच्चा दूसरी साइड से खींच रहा था, जिससे उनकी गर्दन और कटतीं चली गई।
घटना की जानकारी मिलते ही डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं एसपी राजेश एस सहित नगर मजिस्ट्रेट व अन्य अधिकारियों ने जिला अस्पताल पहुंच कर घटना की जानकारी ली। जिलाधिकारी ने कहा है कि विशेष अभियान चलाकर चाइनीज मांझे की बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि किसी भी तरह से पतंगबाजी के लिए चाइनीज मांझे का उपयोग न करें और न ही इसकी खरीद बिक्री करें।
गौरतलब है कि चाइनीज मांझे पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है, जो अब जानलेवा साबित हो रहा है प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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