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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को नया स्वरूप दे रही है योगी सरकार

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प्रयागराज। प्रयागराज में महाकुंभ-2025 के आयोजन को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। योगी सरकार की मंशा के अनुरूप महाकुंभ क्षेत्र में बिजली, सड़क और पानी आदि की बुनियादी व्यवस्था के साथ अन्य कार्यों में तेजी से प्रगति हो रही है। महाकुंभ को लेकर अन्य विभागों की तरह ही बिजली विभाग में कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

पॉवर कट की समस्या से मुक्त होगा महाकुंभ क्षेत्र

प्रयागराज महाकुंभ का दायरा बढ़ाने के साथ ही विभिन्न विभागों की तरफ से यहां होने वाली सुविधाओं और संसाधन में भी शासन की तरफ से बढ़ोत्तरी की गई है। बिजली विभाग इससे सबसे अधिक प्रभावित हुआ है । 4000 हेक्टेयर में बसने जा रहे प्रयागराज महाकुंभ की बिजली की व्यवस्था भी इस बार पिछले आयोजनों से भिन्न होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि महाकुंभ में 391.04 करोड़ की लागत से स्थायी और अस्थायी कार्य कराए जा रहे हैं। इस बार महाकुंभ को पॉवर कट की समस्या मुक्त रखने की योजना को धरातल में उतारा जाएगा। इसके लिए सोलर एनर्जी पर आधारित हाइब्रिड सोलर लाइट मेला क्षेत्र में लगाई जाएंगी। महाकुंभ में इस बार 2004 हाइब्रिड सोलर लाइट लगाई जाएंगी। कुंभ के सभी प्रमुख चौराहों और पोल्टून पुल पर भी इन्हे लगाया जायेगा। इन लाइट्स के लगने से कुंभ क्षेत्र में बिजली के कभी कटने पर अंधेरा नहीं हो पाएगा।

कुंभ क्षेत्र की रातों में दिन जैसा रहेगा उजाला

सम्पूर्ण महाकुंभ क्षेत्र रात में बिजली की रोशनी से जगमग रहेगा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता के मुताबिक बिजली विभाग की तरफ से पूरे महाकुम्भ क्षेत्र में 1543 किमी लंबी बिजली की लाइन खींची जाएगी, जिसमें 1405 किमी एलटी और 138 किमी एचटी की लाइन होगी। मेला क्षेत्र में 85 अस्थाई नए बिजली घर , 85 डीजी सेट, 15 आरएमयू और 42 नए ट्रांसफार्मर लगेंगे। मेला क्षेत्र में शिविरों में रहने वाले 4 लाख 71 हजार लोगों को विद्युत के कनेक्शन दिए जायेंगे। इन शिविरों में रोशनी के इंतजाम के अलावा मेला क्षेत्र 67 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। मेला क्षेत्र के सभी प्रमुख चौराहों में हाईमास्ट लाइट भी लगाई जाएंगी। शिविरों और सड़कों के किनारे लगी इन स्ट्रीट लाइट से पूरा कुंभ मेला क्षेत्र रोशनी से नहा जायेगा। यहां रात में भी दिन जैसा उजाला रहेगा।

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उत्तर प्रदेश

चित्रकूट मंडल के आध्यात्मिक व पर्यटक स्थलों के विकास पर योगी सरकार का फोकस

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लखनऊ/ चित्रकूट। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रयासरत योगी सरकार का प्रदेश में पर्यटन विकास पर सर्वाधिक जोर है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश तेजी से एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में, पर्यटन के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश के मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित हो रहा है। प्रदेश देश तथा विदेश के सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है और इस प्रक्रिया में और बढ़ोत्तरी हो इसलिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न मंडलों में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में, चित्रकूट मंडल के जिलों में भी पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख विकास व निर्माण कार्यों को गति देने की रूपरेखा तय कर ली गई है।
परियोजना के अंतर्गत चित्रकूट के प्रसिद्ध रामघाट के सौंदर्यीकरण, विकास व चौड़ीकरण की प्रक्रिया को 18.30 करोड़ की लागत से पूरा किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं, चित्रकूट के लालापुर व बांदा में कलिंजर फोर्ट के समीप टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, महोबा में सालट फोर्ट के समीप पार्किंग व टूरिस्ट फैसिलिटीज को बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, चित्रकूट के चर स्थित सोमनाथ मंदिर व हमीरपुर के पातालेश्वर मंदिर में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने तथा चित्रकूट में वाल्मीकि आश्रम के समीप म्यूजियम के निर्माण कार्य को भी जल्द पूरा किए जाने पर फोकस किया जा रहा है। इन सभी निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है।

सांस्कृतिक व शहरी कायाकल्प की मिसाल बनेगा रामघाट का सौंदर्यीकरण

सीएम योगी के विजन अनुसार, चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित रामघाट पर बड़े स्तर पर सौंदर्यीकरण प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। यह कार्य इस प्रकार होगा कि यह सांस्कृतिक व शहरी कायाकल्प की मिसाल पेश करेगा। मान्यता है कि यह वही स्थल है जहां गोस्वामी तुलसीदास जी को प्रभु श्रीराम के दर्शन हुए थे। ऐसे में, इस स्थल की आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित करते हुए उसे मॉडर्न सिविक एमेनिटीज से युक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। परियोजना के अंतर्गत रामघाट पर 18.30 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण, चौड़ीकरण संपर्क मार्ग के सुधार व विस्तारीकरण व पर्यटक सुविधाओं के निर्माण व विकास प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस कार्य को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 2 वर्षों की समयावधि में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर समेत विभिन्न परियोजनाओं पर होगा काम

परियोजना के अंतर्गत चित्रकूट के लालापुर व बांदा में कलिंजर फोर्ट के समीप टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर तथा महोबा में सालट फोर्ट के समीप पार्किंग व टूरिस्ट फैसिलिटीज को बढ़ाने पर भी काम किया जाएगा। लालापुर में टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर संबंधी कार्यों को 7.01 करोड़ की लागत से जबकि व बांदा में कलिंजर फोर्ट के समीप 3.83 करोड़ रुपए की लागत से कार्यों को पूरा किया जाएगा। इन दोनों कार्यों को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 12 व 9 महीनों की समयावधि में पूरा किया जाएगा। वहीं, महोबा के सालट फोर्ट के समीप पार्किंग व टूरिस्ट फैसिलिटीज के विकास को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 9 महीने में 3.81 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा। चर में सोमनाथ महादेव मंदिर में वर्षा अवधि के अतिरिक्त 9 महीनों की समयावधि में टूरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर व विकास कार्यों को 1.48 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। वहीं, हमीरपुर के पातालेश्वर महादेव मंदिर में पर्यटन विकास प्रक्रिया को 6 महीने के अंदर 68.86 लाख रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। इसी प्रकार, चित्रकूट में वाल्मीकि आश्रम के समीप म्यूजिमय के निर्माण कार्यों को भी जल्द पूरा किए जाने पर फोकस किया जा रहा है।

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