उत्तर प्रदेश
कुंभ क्षेत्र को दिव्य-भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान कर रही है योगी सरकार
प्रयागराज। प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को योगी सरकार भव्य और दिव्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटी है। कुंभ क्षेत्र में नदियों की बाढ़ की वजह से अभी तक कुंभ मेला प्रशासन का फोकस मेला की स्थाई तैयारियों की तरफ था लेकिन जैसे-जैसे नदियों का बाढ़ का पानी तेजी से घट रहा है अब कुंभ क्षेत्र में अस्थाई कार्यों ने भी रफ्तार पकड़ना शुरू कर दिया है। इन अस्थाई कार्यों में कुंभ क्षेत्र का सौंदर्यीकरण भी शामिल है। इसी क्रम में मेला क्षेत्र में थिमेटिक गेट्स का निर्माण किया जा रहा है।
महाकुंभ में सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ-साथ महाकुंभ की सुंदरता को लेकर भी योगी सरकार मिशन मोड में कार्य कर रही है। महाकुंभ से पहले ही प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है । सरकार का प्रयास है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान जब श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचेंगे तो यहां की आभा देखकर न सिर्फ दंग रह जाएंगे, बल्कि पूरी तरह धार्मिक आस्था के रंग में सराबोर हो जाएं। शहरी इलाके में सौंदर्यीकरण की योजना पर कार्य गति पकड़ चुका है। लेकिन अब कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना पर कार्य शुरू हो गया है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि कुंभ क्षेत्र में सौंदर्यीकरण की योजना के अंतर्गत 30 अस्थाई थिमेटिक गेट्स के निर्माण की योजना है । बाढ़ की वजह से यह कार्य रुका हुआ था लेकिन अब बाढ़ का पानी कम होते ही अस्थायी थिमैटिक गेट्स की स्थापना के लिए ईओआई ( एक्सप्रेशन ऑफ इन्ट्रेस्ट ) आमंत्रित किए गए हैं। अभी तक 10 फर्मों से अभिरूचि के सापेक्ष 600 गेटों की डिजाईन प्राप्त हुई हैं । इन 600 डिजाईन में से चयनित डिजाईनों के अनुसार वित्तीय निविदा प्रक्रियाधीन है ।
इन सभी गेट्स के निर्माण के लिए कुंभ की पौराणिक कथा के प्रसंग में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों का चयन किया गया है।
पौराणिक मूर्ति विज्ञान को आधार में रखकर इन गेट्स का निर्माण किया जायेगा।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी का कहना है कि कुंभ क्षेत्र में चारो दिशाओं में इनका इनका निर्माण होगा लेकिन मेला क्षेत्र के जिन सेक्टर्स में पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आवागमन अधिक रहता है उनमें इन गेट्स के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी । इन गेट्स के आसपास ही मेला क्षेत्र के प्रमुख सेक्टर्स के साइनजेज भी लगाए जाएंगे। गेट्स के निर्माण में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि रात के समय इन गेट्स में ऐसी प्रकाश व्यवस्था की जाए जिससे ये दूर से ही अपनी भव्यता के साथ यहां आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करें।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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