Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

औद्योगिक आपदा से बचाव के लिए योगी सरकार बना रही है प्रभावी रणनीति

Published

on

Loading

लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इंडस्ट्री को आकर्षित करने के लिए कई नई नीतियां बनाई, जिसमें इंडस्ट्री को तमाम तरह की सहूलियतें, सब्सिडी समेत तमाम सुविधाएं दी जा रही हैं। योगी सरकार की इस पहल को देखते हुए देश और विदेश की नामचीन कंपनियां उत्तर प्रदेश का रुख कर रही हैं। इसके देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औद्योगिक आपदाओं से निपटने, जनहानि को रोकने और इंडस्ट्री को सुरक्षित करने के लिए राहत विभाग को लगातार आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं। इसी क्रम में राहत विभाग की ओर से 7 मार्च यानी गुरुवार को मॉल एवेन्यू स्थित होटल लेबुआ में एक दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, इसमें विषय विशेषज्ञ बढ़ते शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण प्रदेश में केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर (सीबीआरएनआई) तथा औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए गहन मंथन करेंगे।

औद्योगिक आपदा व बचाव पर होगी चर्चा

प्रमुख सचिव राजस्व पी गुरु प्रसाद ने बताया कि मुखमंत्री योगीनाथ के निर्देश पर एक दिवसीय औद्योगिक आपदाओं के न्यूनीकरण एवं प्रबंधन पर कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में इण्डस्ट्रियल, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल तथा न्यूक्लियर आपदाएं घटित होने की संभावनाओं को कम करने एवं आकस्मिक स्थिति में बचाव कार्य पर मंथन किया जाएगा। इसमें विभाग के लोग, कई संस्थाओं के वरिष्ठ प्रतिनिधि, औद्योगिक संगठन तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स सहित तमाम विशेषज्ञ शामिल होंगे।

आपदाओं से निपटने को लेकर योगी सरकार गंभीर

राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार ने बताया कि प्रदेश में इण्डस्ट्रियल, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल तथा न्यूक्लियर आपदाओं का खतरा कभी भी आ सकता है। ऐसे में इन आपदाओं से निपटने के लिए योगी सरकार काफी गंभीर है। यही वजह है कि औद्योगिक संस्थानों को इन आपदाओं से सुरक्षित करने, जागरूक करने एवं विभाग को पहले से तैयार रहने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण के साथ इस तरह के आयोजन सुनिश्चित किए जाते हैं। इसी के तहत कांफ्रेंस में औद्योगिक व सीबीआरएनआई आपदाओं के न्यूनीकरण, रोकथाम और प्रबंधन, रासायनिक और औद्योगिक दुर्घटनाओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान व निराकरण पर विचार-विमर्श किया जाएगा। विशेषज्ञ इन विषयों पर मंथन के साथ इन आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर प्रयास पर अपने विचार प्रकट करेंगे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

Published

on

Loading

लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

Continue Reading

Trending