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उत्तर प्रदेश

हर घर जल पहुंचाने की मुहिम में योगी सरकार निभा रही निर्णायक भूमिका, प्रदेश में 65% लक्ष्य की हुई प्राप्ति

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Yogi government is playing a decisive role in the campaign to provide water to every household

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की कोशिश में लगी योगी सरकार प्रदेश के समुचित विकास की दिशा में नित नए प्रयास कर रही है। इसी क्रम में जल जीवन मिशन के तहत सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों के घरों तक फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) की दिशा में सकारात्मक प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन लागू होने के पूर्व ग्रामीण इलाकों में महज 1.96 प्रतिशत की दर से कुल 5.16 लाख घरों में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन उपलब्ध कराया गया था।

वहीं, उप्र में योगी सरकार आने के बाद 16 अगस्त 2019 से 31 मार्च 2023 तक 89.51 हजार घरों में एफएचटीसी उपलब्ध कराया गया। इस प्रक्रिया में अब तेजी लाते हुए योगी सरकार ने 1 अप्रैल 2023 से लेकर 16 अक्टूबर 2023 के मध्य ग्रामीण इलाकों के 77.42 हजार घरों में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन उपलब्ध कराया। यह इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार हर घर स्वच्छ पेयजल पहुंचाने की परियोजना को उच्च प्राथमिकता देते हुए तेज गति से इस दिशा में प्रयास कर रही है।

योगी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति में अभी तक योगी सरकार को 1.72 लाख घरों को कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में सफलता प्राप्त हुई है। यह कुल लक्ष्य यानी 2.62 लाख के टारगेट के सापेक्ष 65.45 प्रतिशत रहा। प्रदेश के 8 जिलों में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत के पार रहा।

एफएचटीसी में महोबा रहा अव्वल

फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन उपलब्ध कराने की दिशा में उत्तर प्रदेश के 8 जिलों का प्रतिशत 90 के पार रहा। वहीं, टॉप 10 की रैंकिंग में दो जिले ऐसे भी रहे जिनका प्रतिशत 89 के पार रहा। जिन जिलों ने एफएचटीसी कवरेज को लेकर निर्धारित टारगेट्स को पूर्ण करने में बाजी मारी उनमें 97.57 प्रतिशत के साथ महोबा अव्वल रहा।

वहीं, 96.78 प्रतिशत के साथ ललितपुर, 96.28 प्रतिशत के साथ मिर्जापुर, 95.61 प्रतिशत के साथ झांसी, 93.79 प्रतिशत के साथ बांदा, 91.06 प्रतिशत के साथ चित्रकूट तथा 90 प्रतिशत के साथ शामली व बागपत जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों की कवरेज में टॉप 10 में शामिल रहे।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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