Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

कुंभ की संवाद परंपरा को पुनर्जीवित कर रही है योगी सरकार, कुंभ कॉन्क्लेव बन रहा है माध्यम

Published

on

Loading

प्रयागराज। महाकुंभ मात्र एक धार्मिक आयोजन नही बल्कि कुम्भ हमारे देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं वैचारिक विविधताओं का संगम का प्रतिबिंब है। कुम्भ की महत्ता के दृष्टिगत यूनेस्को द्वारा इसे ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। वर्ष 2019 के दिव्य-भव्य और सुरक्षित कुंभ के आयोजन के योगी सरकार के बेंच मार्क के बाद महाकुंभ 2025 के आयोजन को देश -विदेश में पहुंचाने के लिए कुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है।

तीसरा कुंभ कॉनक्लेव 25-27 अक्टूबर तक प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित किया जा रहा है। एमएनएनआईटी के इनोवेशन व इनक्यूबेशन हब और इंडिया थिंक काउंसिल की ओर से यह आयोजन होगा। इसमें उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की भी सहभागिता होगी। इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक डॉक्टर सौरभ बताते हैं कि इस तीन दिवसीय कुंभ कॉन्क्लेव में 10 से अधिक तकनीकी सत्र होंगे। उसमें देश और विदेश के विद्वान शामिल होंगे।

सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो सकते हैं। उनके अलावा सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में पद्म विभूषण और भारत के पूर्व राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, परमार्थ निकेतन हरिद्वार के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, यूपी के उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवम संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह प्रमुख वक्ता होंगे।

‘कुम्भ-कॉन्क्लेव 2024-25’ के निमित्त देश के 25 प्रमुख स्थानों पर कुम्भ की भव्यता, विशेषता और महत्व के सम्बन्ध में गोलमेज सम्मेलन/रोड-शो का आयोजन होता है। इस अवसर पर विभिन्न विषय विशेषज्ञों एवं विद्वानों के पारस्परिक विचार-विमर्श से उपयोगी एवं रचनात्मक सुझाव समाज के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे।

इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रोत्साहन के बाद 2019 के कुंभ से शुरू हुए इस कुंभ कॉन्क्लेव के आयोजन में विभिन्न सत्रों में आयोजित होने वाले विमर्श और चिंतन-मनन से कुंभ की उस प्राचीन संवाद परंपरा को पुनर्जीवन मिल रहा है जो धीरे धीरे हासिये में आ गई थी। प्राचीन काल से कुंभ धर्म , समाज और व्यवस्था की मौजूदा व्यवस्था को चिंतन की कसौटी में कसने का अवसर रहा है जिससे बेहतर व्यवस्था के मूल मंत्र पहचाना जा सके ।

इस कुंभ कॉन्क्लेव में तीन दिनों तक चलने वाले 11 सत्रों में अखाड़ा, आश्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फूड सिक्योरिटी, फूड सिक्योरिटी, टेंपल इकोनॉमी और उद्यमिता की थीम पर विचार मंथन होगा। इसके लिए देश और विदेश के विषय के विशेषज्ञ इसमें शामिल हो रहे हैं।

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending