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उत्तर प्रदेश

जेवर एयरपोर्ट पर एक्सपोर्ट हब स्थापित करेगी योगी सरकार, कृषि उत्पादों के निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

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लखनऊ | योगी सरकार प्रदेश के किसानों की आय, कृषि उत्पादकता एवं कृषि से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यूपी एग्रीज परियोजना के तहत जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना करने जा रही है। इसे विश्व बैंक की मदद से धरातल पर उतारा जाएगा। इसके अलावा विश्व स्तर पर 2 से 3 उपज का बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए कृषि एसईजेड (स्पेशल इकॉनमिक जोन) की स्थापना की जाएगी। साथ ही, 2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी भी स्थापित की जाएगी। सीएम योगी ने यूपी एग्रीज योजना के तहत किसानों को कृषि क्षेत्र में ऋण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक इंतजाम करने के निर्देश दिये हैं। योगी सरकार का यह प्रयास प्रदेश के कृषि सेक्टर को पूरे देश का पावर हाउस बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

हाई वैल्यू कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास बनेगा एक्सपोर्ट हब

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के एग्रीकल्चर सेक्टर की तस्वीर बदलने एवं कृषि उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल इंटरप्राइजेज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) परियोजना को हरी झंडी दी है। इसके तहत कृषि उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाएगी। इसके जरिये, हाई वैल्यू कृषि उत्पाद जैसे मूंगफली, सब्जी, काला नमक चावल, तिल आदि को विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मीट, बासमती चावल, फल-सब्जियां व खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर से जुड़े विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट उत्तर प्रदेश बड़े स्तर पर करता है। ऐसे में, कृषि उत्पादों के जरिये एक्सपोर्ट की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए यहां 30,750 क्लस्टर फार्मर्स ग्रुप को विकसित किया जाएगा। वहीं, एक्सपोटर्स के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जाएगी।

कृषि उत्पादों के लिए स्थापित किये जाएंगे स्पेशल इकोनॉमी जोन

यूपी एग्रीज परियोजना के तहत प्रदेश के कृषि उत्पाद की 2 से 3 उपज को बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए कृषि (स्पेशल इकोनॉमी जोन) एसईजेड की स्थापना की जाएगी, जो फॉरवर्ड लिंकेज और निर्यात बाजारों के बड़े हिस्से पर कब्जा करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन्हें प्रदेश के 11 जिलों में विकसित किया जाएगा। इनमें काला नमक चावल के लिए सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में एसईजेड की स्थापना की जाएगी। वहीं मूंगफली के लिए झांसी, उरद के लिए ललितपुर, सब्जियों के लिए जौनपुर, भदोही, बनारस, गाजीपुर और बलिया में एसईजेड की स्थापना की जाएगी। परियोजना के तहत अगले पांच वर्षों में प्रदेश की प्रमुख फसलों की उत्पादकता में 30 से 50 प्रतिशत की वृद्धि के लिए व्यापक कदम उठाए जाएंगे। इससे किसानों की आय में कम से कम 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विश्व स्तरीय कार्बन क्रेडिट मार्केट की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के अन्नदाताओं को मौसम की सटीक की सूचना देने के लिए स्थानीय मौसम स्टेशन की स्थापित किया जाएगा। इसी तरह मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 2 से 3 विश्व स्तरीय हैचरी की स्थापना की जाएगी।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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