उत्तर प्रदेश
प्रदेश की बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण पर योगी सरकार का जोर
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश की बेटियों और बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इसी क्रम में मिशन शक्ति के तहत योगी सरकार प्रदेश की 18 हजार बहनों को निशुल्क ई रिक्शा प्रशिक्षण के साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस और सस्ती ब्याज दरों पर ई रिक्शा दिलाने का प्रबंध कर रही है। यही नहीं, सरकार की तरफ से ई रिक्शा पर 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। प्रत्येक जनपद से 250 और प्रदेश भर से 18 हजार बहनें सरकार की इस योजना से जुड़कर स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं। रक्षाबंधन के अवसर पर योगी सरकार ने इन सभी प्रशिक्षण केंद्रों में राखी के इस त्योहार को सेलिब्रेट करने का निर्णय लिया है।
यूपीकॉन द्वारा कराया गया प्रशिक्षण
योगी सरकार प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें स्वरोजगार उन्मुख ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ रही है। यूपीकॉन के एमडी प्रवीण सिंह ने बताया कि मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत ई रिक्शा प्रशिक्षण कार्यक्रम एमएसएमई विभाग द्वारा संचालित किया गया है। इसके तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम को यूपीकॉन द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत प्रत्येक जनपद से 250 महिलाओं का चयन किया गया और उनको ई रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं प्रैक्टिकल के साथ साथ क्लास रूम ट्रेनिंग भी दी गई, जिसमें उन्हें ई रिक्शा और ड्राइविंग रूल्स के विषय में बताया गया। यही नहीं योजना के अंतर्गत महिलाओं को ई रिक्शा की पिंक ड्रेस भी प्रदान की जा रही है और सेफ्टी किट भी उपलब्ध कराई गई है। महिलाओं को आरटीओ के सहयोग से ड्राइविंग लाइसेंस भी दिलाने में मदद की गई है। इसके अतिरिक्त उनको मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत बैंक से सस्ती दरों पर ई रिक्शा के लिए लोन दिलाने और 50 हजार रुपए तक की सब्सिडी प्रदान करने की कार्यवाही भी सुनिश्चित की गई है।
इन शर्तों पर हुआ चयन
मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम दो पार्ट में आयोजित किया गया। पहले चरण में 56200 महिलाओं (प्रति जनपद 750) को 6 दिन का प्रशिक्षण दिया गया था। इसमें तीन दिन महिलाओं के वर्क प्लेस से संबंधी सेफ्टी, सिक्योरिटी, और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई थी। इसके बाद तीन दिन उनको उद्यमिता विकास की ट्रेनिंग कराई गई थी। फेज 2 में 250 महिलाएं प्रति जनपद के हिसाब से 18000 महिलाओं को ई रिक्शा ट्रेनिंग दी गई है। ड्राइविंग डोमेन में स्वरोजगार उन्मुख प्रशिक्षण की अवधि 6 माह की है। प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का चयन मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की गाइडलाइंस के तहत किया गया। इसमें 10वीं पास 18 से 40 वर्ष की महिलाओं का चयन किया गया।
उच्चतम क्वालिटी के रिक्शा होंगे उपलब्ध
प्रवीण सिंह ने बताया कि योजना के तहत ई रिक्शा की स्टैंडर्ड कॉस्ट 1.98 लाख रुपए निर्धारित की गई है। हमने जेम पोर्टल के माध्यम से ई रिक्शा कंपनीज का चयन किया है। ये कंपनियां लिथियम आयन बैटरी वाले ई रिक्शा बनाती हैं जो सबसे उच्चतम क्वालिटी के होते हैं। 1.98 हजार में योजना के अंतर्गत योग्य पाई जाने वाली महिलाओं को 49 हजार 500 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। बाकी की राशि के लिए बैंकों से सस्ती दरों पर लोन दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम नवंबर 2023 से शुरू हुआ है। अभी बैचवार यह कार्यक्रम चल रहा है।
महिला सशक्तिकरण की नजीर बनेंगी महिला ड्राइवर
इस परियोजना का उद्देश्य चयनित महिला उम्मीदवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उपयुक्त कौशल में प्रशिक्षित कर सशक्त बनाना है। इससे न सिर्फ वो अपने परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगी, बल्कि सड़क पर महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की रोल मॉडल के रूप में महिलाओं को प्रेरित करेंगी। यही नहीं, इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों में पुरुष एकाधिकार भी समाप्त होगा और परिवहन के लिए महिलाओं को अपनी सुविधानुसार वाहन चालक चुनने का विकल्प भी मिलेगा।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।
जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।
नगर कोतवाली नंबर वन
एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।
रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण
1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324
नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।
क्या है आइजीआरएस
एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।
प्रत्येक माह होती है शासन स्तर पर समीक्षा
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।
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