उत्तर प्रदेश
1.5 करोड़ किसानों को योगी सरकार का होली गिफ्ट, निजी नलकूप पर 100 प्रतिशत बिजली बिल माफ
लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के करोड़ों किसानों को होली से पहले ही बड़ा तोहफा प्रदान किया है। मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए किसानों के निजी नलकूपों पर बिजली बिल में 100 प्रतिशत तक की छूट दे दी है। इस निर्णय से प्रदेश के 1.5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत किसानों को एक अप्रैल 2023 से निजी नलकूप पर कोई भी बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी। यही नहीं, यदि इसके पहले का भी यदि कोई बिल बकाया है तो सरकार उसके लिए ब्याज रहित और आसान किस्तों में बिल चुकाने के लिए योजना लाएगी। इसके लिए योगी सरकार ने 2024-25 के बजट में भी 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने चुनावों के समय ही किसानों से निजी नलकूप पर 100 प्रतिशत छूट देने का वादा किया था। अब सरकार ने मंगलवार को इस पर निर्णय लेकर अपना वादा पूरा कर दिया है।
14.78 लाख ग्रामीण और शहरी नलकूपों पर लागू होगा निर्णय
कैबिनेट की बैठक के बाद लोकभवन में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस प्रस्ताव के अनुमोदन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने चुनावों के दौरान घोषणा की थी कि किसानों को उनके निजी नलकूपों पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी।उसी घोषणा के अनुरूप मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को अपना वादा निभाते हुए छूट से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 14 लाख 73 हजार ग्रामीण नलकूप हैं, जबकि 5,188 शहरी नलकूप हैं। उन्होंने बताया कि हमारे ही कार्यकाल में लगभग 200 ग्राम पंचायतों को हमने नगर ग्राम पंचायतों में बदल दिया है, इसलिए हमने शहरी और ग्रामीण का फर्क खत्म करके इसे मर्ज कर दिया है। इस तरह दोनों ही प्रकार के कुल 14 लाख 78 हजार नलकूपों पर किसानों को बिजली बिल पर छूट का लाभ मिलेगा।
प्रदेश के 6-7 करोड़ लोग होंगे लाभान्वित
एके शर्मा ने बताया कि मेरे पास खुद भी ट्यूबवेल है और इसी आधार पर हम कह सकते हैं कि एक ट्यूबवेल से 8 से 10 किसान लाभान्वित होते हैं, जिसके खेत तक पानी पहुंचता है। इस तरह लगभग लगभग डेढ़ करोड़ किसानों को इस योजना से लाभ होने वाला है। प्रति किसान यदि 5 सदस्यों के परिवार की गणना करें तो लगभग 6-7 करोड़ लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के तहत किसानों को 100 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया गया है। किसानों को अब एक अप्रैल 2023 से कोई बिल देने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके पहले का यदि कोई बकाया है तो उसके लिए हम ब्याज रहित योजना लेकर आएंगे और उसका भी क्रियान्वयन आने वाले दिनों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2023-24 में मुख्यमंत्री जी ने इस योजना के लिए 2400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसी प्रकार 2024-25 के बजट में भी इसके लिए 1800 करोड़ का प्रावधान किया गया है। हमारे पास धन भी है और सारी व्यवस्थाएं भी जिससे हम किसानों को लाभान्वित कर सकेंगे। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ ही कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी किसानों के हित को देखते हुए लिए गए इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए सीएम योगी का आभार जताया है।
अनपरा में 800 मेगावाट की दो इकाइयों को मिली मंजूरी, मिल सकेगी सस्ती बिजली
योगी सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए अनपरा में एनटीपीसी की मदद से 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में एनटीपीसी के साथ दो बड़े एमओयू किए गए थे। इसमें ओबरा डी में 800 मेगावाट की दो इकाइयां लगाने के प्रस्ताव को पिछले वर्ष ही मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है और अब अनपरा में भी 800 मेगावाट के दो प्लांट एनटीपीसी की मदद से लगाए जाएंगे। राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच 50-50 प्रतिशत की सहभागिता के साथ यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा। इस प्रोजेक्ट की कुल कीमत 8624 करोड़ रुपए है और इसकी पहली यूनिट लगभग 50 महीनों में तैयार हो जाएगी, जबकि दूसरी यूनिट 56 महीने में क्रियान्वित हो जाएगी। इसमें 30 प्रतिशत इक्विटी होगी जो राज्य सरकार और एनटीपीसी आपस में वहन करेंगे, जबकि 70 प्रतिशत ऋण लेकर इसको क्रियान्वित किया जाएगा। कोयले की खदान एनसीएल से लिया जाएगा, जो नजदीक में है। इससे सस्ती बिजली मिलने का रास्ता साफ होगा।
ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को भी मिली मंजूरी
सरकार ने प्रदेश में इनवायरमेंट फ्रेंडली एनर्जी के प्रोडक्शन की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में बड़े कारखाने जैसे फर्टिलाइजर प्लांट, पेट्रोकेमिकल प्लांट और स्टील प्लांट में होता है। अभी तक हाइड्रोजन पैदा करने की जो तकनीक थी वो बिजली या गैस के सहारे होती थी, जिसे ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है। ग्रे हाइड्रोजन को ग्रीन हाइड्रोजन में परिवर्तित करने की दिशा में बहुत बड़ा काम शुरू हुआ है। पॉलिसी में आने वाले 4 साल यानी 2028 तक प्रतिवर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि नीति की समयावधि 5 वर्ष रखी गई है। समयावधि में जो उद्योग यहां आएंगे उन्हें 5 हजार 45 करोड़ रुपए सब्सिडी व अन्य राहतों के रूप में प्रदान किए जाएंगे। ऐसे उद्योगों को 10 से 30 प्रतिशत तक कैपिटल एक्सपेंडीचर पर सब्सिडी देंगे। पहले 5 उद्योगों को 40 प्रतिशत तक छूट प्रदान करेंगे। इसके तहत एनर्जी बैंकिंग का भी प्रावधान कर रहे हैं। इंट्रास्टेट बिजली भेजने पर जो चार्जेस लगते हैं उस पर 100 प्रतिशत तक छूट देंगे। अन्य राज्यों में भेजने या मंगाने पर भी 100 प्रतिशत तक बिलिंग और ट्रांसमिशन चार्जेस में छूट मिलेगी। साथ ही इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में भी 100 प्रतिशत छूट का प्राविधान किया गया है।
उत्तर प्रदेश
कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया
कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर
अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
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