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प्रादेशिक

दिल्ली में मास्क न लगाने पर लगेगा 500 का जुर्माना, स्कूल नहीं होंगे बंद

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए मास्क पहनना एक बार फिर अनिवार्य कर दिया है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके अलावा स्कूलों को बंद नहीं करने का निर्णय भी लिया गया है। स्कूलों के संचालन के लिए विशेषज्ञों से ली गई सलाह के आधार पर एक अलग मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू की जाएगी।

दिल्ली सरकार जल्द ही मास्क के अनिवार्य उपयोग के संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को सामाजिक समारोहों पर कड़ी नजर रखने और राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बुधवार को कोविड-19 के 632 नए मामले सामने आए और संक्रमण की दर 4.42 प्रतिशत थी।

केंद्र ने दिल्ली को किया अलर्ट

राजधानी में कोरोना के मामले बढ़ता देख केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को अलर्ट किया है। केंद्र ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोरम को कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कड़ी निगरानी रखने और चिंता वाले क्षेत्रों में जरूरत पड़ने पर पहले से ही कदम उठाने के सुझाव दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक पत्र में दिल्ली और चार राज्यों को ‘जांच, पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन’ की पांच सूत्रीय रणनीति का पालन करने की सलाह दी। साथ ही पत्र में भीड़भाड़ वाले स्थान में मास्क पहनने पर विशेष जोर दिया गया।

पत्र में कहा गया, ‘यह आवश्यक है कि राज्य सख्त निगरानी बनाए रखें और कोरोना वायरस संक्रमण के कहीं भी हो रहे प्रसार को रोकने के लिए चिंता वाले स्थानों पर जरूरत पड़ने पर पहले ही कदम उठाएं।’ उन्होंने पत्र में कहा कि किसी भी स्तर पर ढिलाई अब तक कोविड के प्रबंधन में हासिल उपलब्धि को परास्त कर देगी। इन राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी में इस सप्ताह में संक्रमण के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई।

IANS News

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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