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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार की एक और पहल, माघ मेले में पहली बार होगा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल

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Another initiative of Yogi government

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रदेश में ऊर्जा खपत की मांग को देखते हुए सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर लगातार कार्य कर रही है। सरकार ने उद्योग और कृषि के क्षेत्र में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की है। अब पहली बार धार्मिक आयोजनों और उत्सवों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। प्रयागराज में संगम किनारे लगने वाले माघ मेले में इस बार सौर ऊर्जा का उपयोग इसी का हिस्सा है।

माघ मेले में होगा पहली बार होगा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल

योगी सरकार शहर से लेकर गांव-गांव तक सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। इस कार्य योजना में सरकार की प्राथमिकता बिजली की खपत को कम करना और लोगों को पूरे दिन बिजली की उपलब्ध कराने के साथ सोलर ऊर्जा के उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। संगम किनारे लगने जा रहे माघ मेले में भी सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने योजना बनाई है।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के मुख्य अभियंता विनोद गंगवार बताते हैं कि जनवरी 2024 में लगने जा रहे माघ मेले में पहली बार सोलर ऊर्जा का भी इस्तेमाल किया जाएगा । माघ मेले में लीथियम बैटरी आधारित सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा । पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस बार इसका प्रयोग किया जाएगा । माघ मेला क्षेत्र में बनने वाले सरकारी कार्यालयों और तम्बुओं में सबसे पहले इसका प्रयोग किया जाएगा।

ऊर्जा बचत और कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग की होगी शुरुआत

उत्तर प्रदेश में हर साल बिजली की खपत 16 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। संगम किनारे लगने वाले दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में से एक माघ मेले में जहां तम्बुओं का शहर बसता है वहां दो महीने तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति माघ मेला प्रशासन करता है। मेला क्षेत्र में हर साल 90 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है।

बिजली की इस खपत को कम करने के लिए सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल एक अच्छा विकल्प है जिसकी शुरुआत इस बार के माघ मेले में होने जा रही है । सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से जो कार्बन क्रेडिट हासिल होगा वह भी विभाग के लिए बहुत उपयोगी है। हम उससे कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग कर सकते हैं । इस तरह माघ मेला कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग का भी अवसर देगा।

महाकुम्भ के लिए भी उपयोगी हो सकता है सोलर प्रयोग

माघ मेले में सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल का एक पायलट प्रोजेक्ट है । इसके नतीजे अगर उत्साह जनक रहे तो सरकार इसे आगामी महाकुम्भ में लागू कर सकती है । मुख्य अभियंता के मुताबिक़ माघ मेले में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं । सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और जागरूकता पैदा करने का यह एक अच्छा मंच बन सकता है।

माघ मेले में इसे जिस तरह से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है उसे देखते हुए अचानक बिजली जाने से कुछ ही सेकंड की देरी किसी अनहोनी की वजह न बनने पाए उसमे भी हाइब्रिड लीथियम बैटरी से पैदा की गई सौर ऊर्जा कारगर होगी। माघ मेले के समापन के बाद इन हाइब्रिड लीथियम बैटरी का इस्तेमाल सरकारी अस्पतालों में हो सकता है जहाँ 24 घंटे बिजली की जरुरत होती है ।

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IANS News

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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